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एक बड़ी खबर सामने आई है जिसमें बताया जा रहा है कि केंद्र सरकार की ओर से लागू किए गए नए कृषि कानून के विरोध में किसान सड़कों पर उतर आए थे। दिल्ली की सीमा पर डेरा डाला डाले किसानों का आंदोलन संयुक्त किसान मोर्चा और बैनर तले लंबा चला और इसके बाद सरकार को झुकना ही पड़ा।


संयुक्त किसान मोर्चा ने आंदोलन वापस लेने का ऐलान कर दिया था, लेकिन अब फिर से पंजाब और हरियाणा जैसे राज्यों में किसान फिर से आंदोलन की राह पर उतर रहे हैं।


संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले किसान 31 जुलाई को पंजाब हरियाणा और देश के कई अन्य इलाकों में सड़कों पर उतर आए और यहाँ तक कि रेल की पटरियों पर भी धरना दिया। किसान केंद्र सरकार पर अपने वादे से मुकरने का आरोप लगाया है। संयुक्त किसान मोर्चा ने 3 जुलाई को राष्ट्रीय बैठक में ये ऐलान कर दिया था कि शहीद ऊधम सिंह के शहादत दिवस पर देश भर में चक्का जाम किया जाएगा।


समाचार एजेंसी पीटीआई के मुताबिक पंजाब और हरियाणा में कई जगह प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतर आए , किसान रेल की पटरी पर धरना दिया और सड़कों पर आना जाना बंद कर दिया। प्रदर्शन कर रहेकिसानों ने आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार ने 9 दिसंबर 2021 को संयुक्त किसान मोर्चा से जो वादे किए थे। उनमें से कोई भी वादा पूरा नहीं किया गया। केंद्र सरकार की ओर से किए गए वायदों के कारण संयुक्त किसान मोर्चा ने अपना आंदोलन बंद कर दिया था।


संयुक्त किसान मोर्चा की ओर से एक बयान जारी किया गया है, जिसमें कहा गया है कि सरकार अभी भी न्यूनतम समर्थन मूल्य की गारंटी के लिए कानून पर चर्चा करने के लिए तैयार नहीं है। बिजली संशोधन विधेयक को भी संसद में पेश करने को मंजूरी सरकार ने दे दी है। किसानों के खिलाफ़ आंदोलन के दौरान दर्ज किए गए फर्जी केस वापस लेने को लेकर भी कोई शुरुआत नहीं हुई है। भारतीय किसान यूनियन के महासचिव सुखदेव सिंह कोकरीकला ने इस संबंध में जानकारी देते हुए कहा कि किसानों ने अभी तक छह जिलों और आठ टोलप्लाजा और 10 हाईवे पर प्रदर्शन किया। इनमें लुधियाना, फिरोजपुर हाईवे भी शामिल हैं। उन्होंने यह भी बताया कि भटिंडा, बुधलाडा, मलेरकोटला और पट्टी मैं किसानों ने रेल ट्रैक पर भी जाम कर दिया है।

भारतीय किसान यूनियन कादियान के प्रमुख हरमीत सिंह कादियान ने फिलौर रेलवे स्टेशन पर किसानों के धरने प्रदर्शन की देखरेख की। हरमीत सिंह कादियान ने भारतीय संयुक्त मोर्चा के बुलाने पर धरना प्रदर्शन किए जाने की जानकारी दी और आरोप लगाया है कि किसानों को रेल पटरी पर बैठने के लिए मजबूर किया गया। उन्होंने यह भी आरोप लगाया है कि केंद्र सरकार उनकी मांगें नहीं सुन रही है।
प्रदर्शन के कारण रेल परिचालन हुआ प्रभावित।


पंजाब में किसान के आंदोलन का असर भारतीय रेल पर भी पड़ रहा है जो फिरोजपुर डिवीज़न मैं कई ट्रेन रद्द करनी पड़ी या फिर उन्हें पुनर्निर्धारित करना पड़ा। रेलवे के अधिकारियों के मुताबिक अमृतसर, पठानकोट, अमृतसर कादियान पठानकोट वेरका ट्रेन को रद्द करना पड़ा। अमृतसर जयनगर, अमृतसर सियालदह। श्री माता वैष्णो देवी कटरा, नई दिल्ली अमृतसर, नई दिल्ली। ट्रेन को भी रद्द करना पड़ा अमृतसर अजमेर एक्सप्रेस को पुनर्निर्धारित करना पड़ा। भटिंडा, फाजिल्का। और फजिल्का भटिंडा ट्रेन को शार्ट टर्मिनेट किया गया।


यात्री रेलवे स्टेशन पर हो रहे हैं परेशान?
दोनों के प्रदर्शन के कारण रेल परिचालन काफी प्रभावित होने के कारण अपने गंतव्य तक जाने के लिए ट्रेन पकड़ने गए यात्री रेलवे स्टेशन पर काफी परेशान हो रहे हैं। जालंधर रेलवे स्टेशन पर जम्मू के एक यात्री ने कहा कि वह अपनी पत्नी का इलाज कराने आया था, आज उसे वापस लौटना था और सुबह 10:30 बजे ट्रेन आनी थी, जो कई घंटे की देरी से चल रही है। ट्रेन का परिचालन घंटों की देरी से हुआ क्योंकि किसान के आंदोलन के कारण लिए 11-3 बजे तक ट्रेन जहाँ तहां रोक दी गई थी।


हरियाणा में भी लगातार चल रहे किसानों का प्रदर्शन।
पंजाब में किसान सड़कों पर उतरे तो इसका असर पड़ोसी राज्य हरियाणा में भी देखने को मिला के हिसार झज्जर बहादुरगढ़, तोहाना, सोनीपत और करनाल में भी किसान सड़कों पर उतर आए और सरकार के खिलाफ़ विरोध प्रदर्शन करने लगे। किसान ने सरकार से अपने वादे पूरे करने की मांग की और उसके समर्थन में नारे भी लगाए।


हिसार में प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झड़प की खबर भी सुनने को मिली है। हिसार के बद्दो पट्टी टोल पर प्रदर्शन कर रहे किसानों और पुलिसकर्मियों के बीच। झड़प की खबर भी सामने आई है। भारतीय किसान सभा के नेता शमशेर नंबरदार ने केंद्र सरकार पर अपने वादों से मुकर…

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