पेंशन के लिए जीवित प्रमाण पत्र जमा करने के लिए अब पेंशनरों को बड़ी राहत मिलने वाली है।जी हाँ बता दें की अब केंद्र हो या राज्य कर्मी, उन्हें पेंशन के लिए जरूरी जीवित प्रमाण पत्र जमा करने को बैंक या ट्रेजरी के चक्कर नहीं काटने होंगे। अब देश के किसी भी डाकघर में वे अपना जीवित प्रमाण पत्र जमा कर सकेंगे। डाक विभाग ने देश भर डेढ़ लाख से अधिक डाकघरों में यह व्यवस्था लागू की है।
डाकघर में डाककर्मियों के पास करवा सकते हैं जीवित प्रमाण पत्र जमा
बता दें की वे अपनी सहूलियत से आसपास के डाकघर जाएंगे और डाक कर्मियों के पास अपना जीवित प्रमाण पत्र जमा करने की कार्रवाई पूरी करेंगे। उनके जीवित होने का यह प्रमाण पत्र विभाग के जरिए सीधे संबंधित बैंक या ट्रेजरी तक अपने आप पहुंच जाएगा। पूर्व में पेंशन भोगियों को जीवित प्रमाण पत्र ट्रेजरी या संबंधित बैंक में जमा करने की योजना थी। पेंशनरों को जीवित प्रमाण पत्र जमा करने को संबंधित ट्रेजरी या बैंक जाना ही पड़ता था।
पेंशनरों को नहीं काटने पड़ेंगे बैंक और ट्रेजरी के चक़्कर
अब पेंशनर अपने आसपास के डाकघरों में अपने जीवित होने का प्रमाण पत्र जमा कर सकते हैं। डाक विभाग से मिली जानकारी के मुताबिक देश में 1 लाख 55 हजार 600 डाकघरों में पेंशनरों के जीवित प्रमाण पत्र जमा करने की व्यवस्था विभाग द्वारा लागू की है। यह व्यवस्था लागू होने के बाद पेंशनरों को बैंक व ट्रेजरी के चक्कर नहीं काटने पड़ेंगे। आसपास के डाकघर में प्रमाण पत्र जमा करने पर यह संबंधित बैंक या ट्रेजरी को ऑनलाइन पहुंच जाएगा।
पेंशनरों को पहुंचेगा फायदा
पहाड़ों वाले क्षेत्रों खासकर उत्तराखंड के पेंशनरों को इस योजना का अधिक लाभ मिलेगा। पहाड़ी जिलों में पेंशनरों को ट्रेजरी या बैंक पहुंचने में दुर्गम रास्तों का सफर करने के साथ ही वाहनों में ऊंचा भाड़ा चुकाना पड़ता है। अब वे नजदीकी डाकघर में जीवित प्रमाण पत्र जमा कर सकेंगे।
कनेक्टिविटी की दिक्कत आ सकती है आड़े
आम तौर पर पहाड़ी क्षेत्रों के कई हिस्सों में अब भी संचार सेवा का साथ लोगों को नहीं मिल रहा है। कई डाकघर भी नेट कनिक्टिविटी की दिक्कत से जूझ रहे हैं। ऐसे में यहां के पेंशनरों को दिक्कत आ सकती है।
डाक विभाग ने लगभग सभी डाकघरों में पेंशनरों के जीवित प्रमाण पत्र जमा करने की व्यवस्था लागू की है, जिसका लाभ उन्हें पहुंचेगा। खासकर पर्वतीय क्षेत्रों के पेंशनरों को इस व्यवस्था से बढ़ी राहत मिलेगी। देश भर में डेढ़ लाख से अधिक डाकघरों में यह व्यवस्था संचालित हुई है।
ललित कुमार जोशी, डाक अधीक्षक, पिथौरागढ़।