राष्ट्रीय शैक्षिक अनुसंधान और प्रशिक्षण परिषद (एनसीईआरटी) की उच्च स्तरीय समिति ने सामाजिक विज्ञान की पुस्तकों में रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को शामिल करने की सिफारिश की है। समिति का मानना है कि किशोरावस्था में ही विद्यार्थी अपने आत्मसम्मान, देशभक्ति और राष्ट्र के लिए गौरव का निर्माण करते हैं। इसलिए, उन्हें रामायण और महाभारत पढ़ाना महत्वपूर्ण है।
समिति का कहना है कि रामायण और महाभारत भारतीय संस्कृति और इतिहास का महत्वपूर्ण हिस्सा हैं। इन महाकाव्यों में भारतीय मूल्यों और आदर्शों का समावेश है। इनके अध्ययन से विद्यार्थियों को अपने देश और संस्कृति के बारे में बेहतर जानकारी मिलेगी।
इस सिफारिश का स्वागत किया गया है। कई लोगों का मानना है कि रामायण और महाभारत जैसे महाकाव्यों को स्कूली पाठ्यक्रम में शामिल करने से विद्यार्थियों का नैतिक और आध्यात्मिक विकास होगा।
नीट-जेईई की तैयारी के लिए ‘साथी’
शिक्षा मंत्रालय और आइआइटी कानपुर ने देश भर में प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे लाखों छात्रों को सशक्त बनाने के लिए एक ऑनलाइन शिक्षा मंच ‘साथी’ (सेल्फ-असेसमेंट टेस्ट एंड हेल्प फॉर एंट्रेंस एग्जाम्स) को लॉन्च किया है। साथी नीट और जेईई की तैयारी करने वाले विद्यार्थियों के लिए काफी उपयोगी होगा। इसमें आइआइटी और आइआइएससी के संकायों के वीडियो लेक्चर भी शामिल हैं। प्लेटफॉर्म हिंदी, अंग्रेजी के अलावा अन्य भाषाओं में सामग्री प्रदान करता है।
साथी एक महत्वपूर्ण पहल है। यह मंच विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी के लिए एक बेहतरीन संसाधन प्रदान करेगा। साथी के माध्यम से विद्यार्थी आइआइटी और आइआइएससी के संकायों से सीख सकेंगे और अपनी तैयारी को बेहतर बना सकेंगे।
कुल मिलाकर, यह दिन भारतीय शिक्षा के लिए महत्वपूर्ण है। एनसीईआरटी की सिफारिशें और साथी की लॉन्चिंग से विद्यार्थियों को बेहतर शिक्षा मिलेगी।