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यह तो सभी जानते हैं कि जब भी कोई यात्री प्लेन से सफर करने का प्लान करता है तो वह Front Area की सीट बुक करवाने की कोशिश करता है. इसकी वजह यह होती है कि लोग प्लेन के लैंड होने पर जल्दी उतरने की कोशिश करते हैं. लेकिन क्या यह तरीका सही है, बिल्कुल नहीं. फ्लाइट ऑपरेशन से जुड़े एक्सपर्टों कि मानें तो प्लेन में टिकट बुक करवाते समय पीछे की सीट लेने की कोशिश करनी चाहिए. बता दें कि इसके पीछे वे कई प्रकार के तर्क बताते हैं, जिनके बारे में आज हमें जानना चाहिए.

बताया गया है कि ब्रिटिश वेबसाइट ‘द सन’ के मुताबिक प्लेन के पिछले हिस्से की सीट पर बैठने वाले यात्रियों को केबिन क्रू की ओर से कई प्रकार की खास सुविधाएं Offer की जाती हैं, जो आगे बैठने वाले यात्रियों को नहीं मिलतीं. प्लेन की पिछली सीटों पर बैठने वाले यात्रियों को कई प्रकार की फ्री सुविधाएं, भोजन और तकिए की Facilities दिए जाने की संभावना ज्यादा होती है.

वहीं, फ्लाइट अटेंडेंट Annie Kingston बताती हैं कि अधिकतर यात्रियों में प्लेन के Front Area की सीट हासिल करने का चाव होता है. इसकी वजह से पीछे की सीटें लेने के लिए कम लोग तैयार होते हैं. ऐसे में अधिकतर एयरलाइंस पीछे की सीटों को भरने के लिए यात्रियों को कई प्रकार की निशुल्क वीआईपी सुविधाएं Offer करती हैं.

Annie कि मानें तो प्लेन में बैठे यात्रियों का ध्यान पीछे की ओर बहुत कम होता है. ऐसे में पिछले हिस्से की सीटों को भरने के लिए अगर वहां बैठे यात्रियों को एक्सट्रा कोल्ड ड्रिंक या स्नैक्स दे दिए जाते हैं तो बाकी यात्रियों का खास ध्यान नहीं जाता. वे यह भी स्पष्ट करती हैं कि कभी-कभी फ्रंट सीट पर बैठे यात्री भी अगर ऐसी फ्री सुविधाओं की डिमांड करते हैं तो केबिन क्रू उनकी Request पर कोई ध्यान नहीं देते. बता दें कि इसकी वजह ये होती है कि अगर Front Area के एक यात्री को वह सुविधा दे दी तो फिर सबको ऐसी ही Facility Offer करनी पड़ती है.

वह यह कहती हैं कि इस तरह की फरमाइश पूरी करना एक बड़ी समस्या का कारण बन सकता है. विमानों में अक्सर एक्सट्रा वोदका ड्रिंक, तकिए, ईयरप्लग और टूथब्रश नहीं होते हैं. ऐसे में उन्हें बड़ी संख्या में यात्रियों को निशुल्क नहीं बांटा जा सकता है. हालांकि प्लेन की पिछली सीटों पर बैठे गिने-चुने यात्रियों को इस तरह की एक्स्ट्रा फैसिलिटी देने में कोई दिक्कत नहीं होती.

बता दें कि फ़्लाइट अटेंडेंट और FlyerTalk की लेखिका Amanda Pleva भी एनी की बातों से सहमति जताती हैं. वे कहती हैं कि आमतौर पर प्लेन की पिछली 2 पंक्तियों में बैठे यात्री सबसे ज्यादा फायदा में रहते हैं. केबिन क्रू की ओर से उन्हें सबसे ज्यादा फ्री और एक्स्ट्रा सुविधाएं दी जाती हैं. उनके आगे के लोगों को यह सुविधाएं बहुत कम या न के बराबर ऑफर की जाती हैं.

इसी के साथ वह आगे कहती हैं कि कई बार फ्लाइट फुल नहीं भरी होती है. ऐसे में प्लेन की सेफ्टी और उसमें वजन के हिसाब बैलेंस बनाने के लिए कई यात्रियों से प्लेन के पिछले हिस्से में बैठने की रिक्वेस्ट की जाती है. जो यात्री पीछे बैठने के लिए मान जाते हैं, उन्हें एक्स्ट्रा सुविधाएं ऑफर की जाती हैं. इसलिए वे यात्री भी खुश रहते हैं.

आपको बता दें कि प्लेन में अक्सर सफर करने वाले एक यात्री ने अपना अनुभव बताते हुए कहा कि वे सफर के लिए आमतौर पर विमान की पिछली सीट बुक करवाते हैं. इसकी वजह ये होती है कि उन्हें वहां पर फ्री भोजन, आई मास्क, पढ़ने के लिए किताबें, पानी की बोतल और एक्सट्रा ड्रिंक मिल जाता है. जिससे उनका सफर और मजेदार बन जाता है. लिहाजा वे पिछली सीट पर बैठने के बावजूद खुश रहते हैं.

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