इजरायल और फिलिस्तीन के हमास आतंकियों के साथ चल रहे युद्ध में भारत इजरायल के साथ है। हमास हमले के बाद इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से फोन पर बात की है। इजरायली प्रधानमंत्री नेतन्याहू ने पीएम मोदी को आतंकी समूह हमास के हमलों के बाद की स्थिति की कई जानकारी साझा की है। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आश्वस्त किया कि आतंक के विरूद्ध इस लड़ाई में इजरायल के साथ मजबूती से खड़ा है।
प्रधानमंत्री मोदी ने सोशल मीडिया पोस्ट पर यह जानकारी साझा भी की है।आतंकी संगठन हमास के इजरायल पर किए गए हमले को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शनिवार को कभी इजरायल के साथ एकजुटता व्यक्ति की थी। उन्होंने हमले की निंदा करते हुए कहा था कि इजरायल पर हमले से वह स्तब्ध हैं। हमारी संवेदनाएं और प्रार्थना निर्दोष, पीड़ितों और उनके परिवार के साथ है। इस कठिन घंडी में हम इजरायल के साथ खड़े हैं।
भारत और इजरायल दोनों ही लोकतांत्रिक देश हैं जो आतंकवाद के खिलाफ खड़े हैं। इजरायल और फिलिस्तीन के बीच संघर्ष में, भारत ने हमेशा इजरायल के साथ खड़े रहने की नीति अपनाई है। इस युद्ध में भी, भारत ने इजरायल को अपना समर्थन दिया है।
I thank Prime Minister @netanyahu for his phone call and providing an update on the ongoing situation. People of India stand firmly with Israel in this difficult hour. India strongly and unequivocally condemns terrorism in all its forms and manifestations.
— Narendra Modi (@narendramodi) October 10, 2023
भारत ने इजरायल के प्रधानमंत्री नेतन्याहू के साथ बातचीत की और उन्हें आतंक के खिलाफ लड़ाई में अपना समर्थन दिया। भारत ने हमास हमलों की निंदा भी की और निर्दोष लोगों के मारे जाने पर दुख व्यक्त किया।
भारत के समर्थन से इजरायल को इस युद्ध में मजबूती मिलेगी। भारत और इजरायल के बीच इस समर्थन से दोनों देशों के बीच संबंधों को और मजबूत करने में मदद मिलेगी।
हालांकि, कुछ लोगों ने भारत के इस समर्थन की आलोचना की है। उनका कहना है कि भारत को एक तटस्थ रुख रखना चाहिए। वे यह भी कहते हैं कि भारत को फिलिस्तीनियों के अधिकारों के लिए भी आवाज उठानी चाहिए।
भारत के समर्थन को लेकर यह एक जटिल मुद्दा है। भारत को एक तरफ इजरायल के साथ अपने संबंधों को मजबूत करना है, दूसरी तरफ फिलिस्तीनियों के अधिकारों के लिए भी आवाज उठानी है। यह देखना होगा कि भारत इस मुद्दे पर आगे क्या कदम उठाता है।