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Chinese delegation suspicious suitcase: जी 20 समिट में हिस्सा लेने आए चीनी प्रतिनिधि मंडल के एक बैग ने हड़कंप मचा दिया। जिसके बाद सुरक्षा बल और खुफिया एजेंसी सतर्क हो गईं। ये ड्रामा लगभग 10 से 12 घंटे तक चला।

नई दिल्ली में जी 20 सम्मेलन में भाग लेने आए चीनी प्रतिनिधिमंडल के एक असामान्य सूटकेस ने हड़कंप मचा दिया। सूटकेस में एक संदिग्ध उपकरण होने की आशंका के चलते सुरक्षा बलों ने उसे स्कैनर में डालने का अनुरोध किया, लेकिन चीनी प्रतिनिधिमंडल ने आनाकानी की। इस वजह से ताज होटल में लगभग 10 से 12 घंटों तक बवाल चलता रहा।

सूटकेस का आकार और आकृति भी आम सूटकेस से अलग थी। होटल के एक कर्मचारी ने इसकी सूचना सुरक्षा बलों को दी। सुरक्षा बलों ने सूटकेस को चेक करने की मांग की, लेकिन चीनी प्रतिनिधिमंडल ने इसे स्वीकार नहीं किया। उन्होंने कहा कि सूटकेस में उनके व्यक्तिगत सामान हैं और उन्हें बिना अनुमति के नहीं खोला जा सकता।

इस घटना को लेकर भारत और चीन के बीच तनाव बढ़ गया। दोनों देशों के राजदूतों ने इस मामले पर बातचीत की, लेकिन कोई समाधान नहीं निकल सका। अंततः, चीनी प्रतिनिधिमंडल ने सूटकेस को बिना खोले ही वापस ले लिया।

इस घटना के बाद, भारत ने अपने सुरक्षा उपायों को कड़ा कर दिया है। जी 20 सम्मेलन के दौरान सुरक्षा के लिए एक विशेष योजना बनाई गई थी, लेकिन चीनी प्रतिनिधिमंडल के सूटकेस ने इस योजना की खामियों को उजागर कर दिया।

इस घटना के बाद, कई सवाल उठे हैं। सबसे बड़ा सवाल यह है कि सूटकेस में वास्तव में क्या था? क्या यह कोई खुफिया उपकरण था? या फिर यह सिर्फ एक सामान्य उपकरण था? इस सवाल का जवाब तो केवल चीनी प्रतिनिधिमंडल ही जानता है।

दूसरा सवाल यह है कि भारत के सुरक्षा बलों ने इस मामले में क्या गलत किया? क्या वे सूटकेस को चेक करने के लिए चीनी प्रतिनिधिमंडल पर दबाव डाल सकते थे? इस सवाल का जवाब भी एक जटिल है। एक ओर, सुरक्षा बलों की जिम्मेदारी है कि वे किसी भी संभावित खतरे से देश की रक्षा करें। दूसरी ओर, उन्हें किसी देश के प्रतिनिधिमंडल के सम्मान को भी ध्यान में रखना चाहिए।

कुल मिलाकर, यह घटना भारत और चीन के बीच संबंधों में एक तनावपूर्ण क्षण था। इस घटना से दोनों देशों के बीच विश्वास की कमी और बढ़ गई है।share

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