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Terror Funding के मामले में Court द्वारा Yasin Malik को उम्रकैद की सजा सुनाई गई है। बता दे की राष्ट्रीय जांच एजेंसी NIA द्वारा Court से Yasin Malik को फांसी की सजा दिए जाने की मांग की गई थी। बताया जा रहा है की Yasin Malik लंबे समय से Kashmir में रहते हुए भारत के खिलाफ साजिश रचता रहा है। Court द्वारा 19 May को Terror Funding मामले में उसे दोषी ठहराया गया था।

बता दे की Court में सजा पर बहस के समय Yasin Malik बिल्कुल शांत दिखा। तो वही जब NIA द्वारा Court से Yasin Malik के लिए फांसी की सजा मांगी गई तो उसके चेहरे पर खौफ आ गया। इसके बाद Court द्वारा Yasin Malik से अपना पक्ष रखने के लिए कहा गया। आइए जानते हैं इस समय Yasin Malik द्वारा Court में क्या-क्या कहा गया?

देखिये Court में NAI द्वारा क्या दलील दी गई।

वही, 2017 में Yasin Malik के खिलाफ NIA द्वारा Terror Funding का मामला दर्ज किया गया। इसके बाद से Patiala Court में इस मामले की लगातार सुनवाई हो रही थी। Court में NIA द्वारा सारे सबूत पेश किए गए। बताया कि देश में आतंकी घटनाओं को बढ़ावा देने के लिए Yasin Malik के पास Pakistan के साथ-साथ दुनिया के कई देशों से पैसा आता था। उन पैसों की मदद से देश में कई बड़ी आतंकी घटनाओं को अंजाम दिया गया।

NIA द्वारा Yasin Malik पर लगे एक-एक आरोपों के लिए सबूत पेश किए गए। जिसके बाद Yasin Malik को अपने गुनाह कबूल करने पड़े। इसके बाद NIA द्वारा Yasin Malik को फांसी की सजा देने की मांग की गई।

जानिए Court में क्या बोला Yasin Malik

वही, Yasin Malik के Lawyer Farhan द्वारा एक Interview में बताया गया कि NIA की मांग के बाद Court ने Yasin Malik को बोलने के लिए कहा। तब Yasin Malik द्वारा कहा गया की, ‘मैं पिछले 28 साल से अहिंसा की राजनीतिक कर रहा हूं। इन 28 सालों में मैं किसी भी हिंसात्मक घटना में शामिल नहीं हुआ। NIA कोई भी एक ऐसी घटना बता दे, जिसमें मैं शामिल रहा हूं? मैंने देश के सात प्रधानमंत्रियों के साथ काम किया है। Gujraal से लेकर Atal Bihari Vajpayee तक इसमें शामिल हैं। Atal Bihari Vajpayee द्वारा ही मुझे Passport[ दिया गया था। इसके बाद मैं Harvard गया। मैं Harvard में भी भारत की तरफ से गया था। वहां मैंने लेक्चर दिया। अगर हिंसा करना ही मेरा काम होता तो मैं Harvard क्यों जाता? मेरी हमेशा से कोशिश रही कि मैं देश के प्रधानमंत्रियों के साथ मिलकर हालात को सही कर सकूं। मैं Mahatma Gandhi के बताए रास्ते पर चल रहा हूं।’

आगे Yasin Malik द्वारा कहा गया की, ‘सजा पर मैं कुछ नहीं बोलूंगा। जब भी मुझे कहा गया मैंने आत्मसमर्पण किया। अब आपको (Court) जो भी सजा देनी है, दे दीजिए… मैं कुछ नहीं बोलूंगा। लेकिन ईमानदारी से दीजिएगा।’

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Court द्वारा ठहराया गया है दोषी

Court द्वारा 19 May को Yasin Malik को आतंकी गतिविधियों के लिए फंड जुटाने का दोषी ठहराया गया था और साथ ही इस मामले में NIA द्वारा 2017 में FIR दर्ज की गई थी। एक दर्जन से ज्यादा लोग आरोपी बनाए गए थे। 18 January 2018 को NIA द्वारा Court में चार्जशीट दायर की गई थी। NIA ने Court में कहा था, ‘लश्कर-ए-तैयबा, हिजबुल मुजाहिद्दीन, जेकेएलएफ, जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकी संगठनों ने कश्मीर और देश में बड़े पैमाने पर हमले किए थे।’ Court में Yasin Malik ने अपने ऊपर लगे आरोपों को कबूल भी लिया था। उसने कहा था कि वह इसे चुनौती नहीं देगा।

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