मुंबई (डीवीएनए)। महाराष्ट्र विधानसभा के अध्यक्ष नाना पटोले ने आज स्पष्ट निर्देश दिए हैं कि महाराष्ट्र विधानसभा को ईवीएम के अलावा बैलट पेपर के माध्यम से महाराष्ट्र के मतदाताओं को मतदान करने के लिए विकल्प, सुविधा प्रदान करने के लिए एक कानून तैयार करना चाहिए। स्थानीय निकाय और विधानसभा चुनाव। नागपुर ने इस संबंध में एक बयान और अध्यक्ष को एक याचिका प्रस्तुत की है।इस संबंध में, बैठक 02 फरवरी, 2021 को मुंबई के विधान भवन में आयोजित की गई थी। इस अवसर पर चिकित्सा शिक्षा मंत्री अमित देशमुख, विधान परिषद सदस्य विधायक अभिजीत वंजारी, महाराष्ट्र विधानसभा सचिवालय के सचिव राजेंद्र भागवत, महाराष्ट्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी बलदेव सिंह और राज्य के कानून एवं न्याय सचिव भूपेंद्र गुरव उपस्थित थे। सतीश उके ने बयान में भूमिका की व्याख्या करते हुए कहा, “राज्य में मतदाताओं को ईवीएम के अलावा बैलट पेपर से वोट देने का अधिकार है। मतपत्र या ईवीएम का कौन सा माध्यम अधिक विश्वसनीय है। लोगों की भावनाओं को ध्यान में रखते हुए कानून बनाना विधानमंडल की जिम्मेदारी है। ईवीएम को लेकर कई मुद्दे उठाए गए हैं और अभी भी लोगों के मन में ईवीएम के कामकाज को लेकर संदेह है।भारत के संविधान के अनुच्छेद 328 के अनुसार, राज्य विधानमंडल को राज्य में चुनाव के बारे में कानून बनाने की शक्ति है। अनुच्छेद 328 के तहत राज्य विधानमंडल में निहित शक्तियों के अनुसार, राज्य के लोगों को ईवीआईएम के अलावा बैलट पेपर द्वारा मतदान का विकल्प प्रदान करने के लिए एक उप-कानून बनाया जाना चाहिए। इसके अनुसार, मतदाता अपनी इच्छानुसार ईवीएम या बैलेट पेपर के माध्यम से मतदान के अधिकार का प्रयोग कर सकते हैं। अब, यह तय करना महत्वपूर्ण है कि क्या गलत है।वाजेद असलम ब्यूरो चीफ महाराष्ट्र
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