अफगानिस्तान (Afghanistan) में एक बार फिर तालिबान (Taliban) कहर बनकर टूट रहा है।अफगानिस्तान के बड़े हिस्से में इस वक्त तालिबान का कब्जा है, तो वहीं अब तालिबानियों की नज़र कंधार (Kandhar) शहर पर है।
हाल ही में कंधार शहर में हिंसा की खबरें सामने आई थीं, जहां एक भारतीय पत्रकार की मौत भी हो गई थी।अब तालिबान की कोशिश है कि कंधार पर कब्जा जमा लिया जाए, लेकिन अफगानी सेना इस कोशिश को नाकाम करने में जुटी है।
कंधार अफगानिस्तान का दूसरा बड़ा शहर है, ऐसे में तालिबान की कोशिश यहां कब्जा कर बड़ा संदेश भेजने की है।कंधार के चारों ओर तालिबानी लड़ाके मुस्तैद हैं और शहर के अंदर घुसने की फिराक में हैं।हालात ये हैं कि अफगानी सेना ने यहां पर कई पुलिस-सुरक्षा पोस्ट खाली कर दिए हैं, जिनपर अब तालिबान का कब्ज़ा है।
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यही वजह है कि कंधार में रहने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ती जा रही हैं।कंधार के ग्रामीण हिस्सों में रहने वाले लोग शहरी इलाके की ओर बढ़ रहे हैं, क्योंकि बाहरी क्षेत्र में अब तालिबान का कब्ज़ा है।वहीं, शहरी इलाके में जो लोग बाहर जा सकते हैं, वह काबुल भाग रहे हैं। जिन लोगों को मौका मिल रहा है, वह विदेश भी जा रहे हैं।
बता दें कि तालिबान ने इस वक्त अफगानिस्तान के एक बड़े हिस्से पर अपना कब्जा जमा लिया है। दूसरी ओर दोहा में वह बातचीत की कोशिश में भी जुटा है।इस सबके बीच मंगलवार को ही अफगानिस्तान में काबुल स्थित राष्ट्रपति भवन के पास रॉकेट से धमाका किया गया। यहां जब नमाज़ पढ़ी जा रही थी, तब यहां कुछ रॉकेट दागे गए। माना जा रहा है कि इनके पीछे भी तालिबान का ही हाथ है।
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