कोरोना की दूसरी लहर ने पूरे भारत में बड़ी तबाही मचाई। लगातार बड़ी संख्या में लोगों की कोरोनावायरस के कारण जान गई और इस तबाही के पीछे कोरोना का डेल्टा वेरिएंट्स था और अब डेल्टा वेरिएंट को लेकर एक और खबर आ रही है जो और भी अधिक चिंतित करने वाली है। दरअसल कोरोना के डेल्टा वेरिएंट ने अपना रूप बदल दिया है और ये डेल्टा प्लस वेरिएंट बन गया है। ऐसे में अब सरकार कोरोना के इस नए वेरिएंट को देखते हुए वैक्सीनेशन प्रोग्राम में बदलाव करने पर विचार कर रही है
इस वैरीअंट पर टीके की प्रभावशीलता पर चल रहा है अध्यन।
कोरोना की इस नए वेरिएंट ने सरकार की भी चिंताएं बढ़ा दी है। भारत सरकार के राष्ट्रीय टीकाकरण सलाहकार से जुड़े कोविड-19 संबंधी कार्य समूह के प्रमुख डॉक्टर एनके अरोड़ा के अनुसार टीम द्वारा पूर्ण टीकाकरण व आंशिक टीकाकरण के प्रभाव को लेकर अध्ययन किया जा रहा है और इसकी प्रभावशीलता के बारे में मिल रहे साथियों पर विचार किया जा रहा है।
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कोरोना वैक्सीन के दोनों डोज को लगाने के समय मैं किया जा सकता है बदलाव।
डॉक्टर एनके अरोड़ा के अनुसार इस बात पर भी विचार किया जा रहा है कि भारत में लोगों को दिए जा रहे कोरोना रोधी टीके कोविशिल्ड की दोनों खुराक उनको लेने के बीच के अंतराल को कम किया जाए। आपको बता दें कि अभी यह समय 12 से 16 हफ्ते किया गया है,जबकि अब इस समय को घटाकर 4 से 6 हफ्ते करने पर विचार किया जा रहा है।
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