उत्तराखंड के खानपुर थाना क्षेत्र के कलसिया गांव में घटित एक दर्दनाक घटना ने एक बार फिर से सामाजिक विद्वेष और रंजिश के घातक परिणामों को उजागर किया है। एक शादी समारोह से लौट रहे युवक, सचिन, पर कुछ लोगों द्वारा धारदार हथियारों से हमला किया गया, जिससे वह गंभीर रूप से घायल हो गए। यह घटना न केवल सचिन के परिवार के लिए बल्कि पूरे समाज के लिए एक चेतावनी के रूप में कार्य करती है कि किस प्रकार से पुरानी रंजिशें खूनी खेल में बदल सकती हैं।
पुरानी रंजिश का खूनी खेल
सचिन पर हमला उस समय हुआ जब वह अपने चचेरे भाई की शादी से लौट रहे थे। यहाँ पर यह देखना महत्वपूर्ण है कि किस प्रकार से सामाजिक समारोह जो कि खुशियों का प्रतीक होते हैं, वह व्यक्तिगत द्वेष का अखाड़ा बन जाते हैं। रिपोर्ट के अनुसार, सचिन का परिवार और हमलावरों के बीच पुरानी रंजिश थी, जो कि इस खूनी हमले का कारण बनी।
सामाजिक संरचना और रंजिश
भारतीय समाज में जातीय और सामाजिक विभाजन अक्सर गहरी रंजिशों का कारण बनते हैं। ये रंजिशें न केवल व्यक्तियों के बीच बल्कि परिवारों और समुदायों के बीच भी सदियों से चली आ रही हैं। इस तरह की घटनाएं यह दर्शाती हैं कि कैसे पुरानी रंजिशें नई पीढ़ियों तक विरासत में मिलती हैं और समय के साथ और भी विकराल रूप ले लेती हैं।
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कानून और व्यवस्था की भूमिका
इस घटना के बाद पुलिस ने तहरीर के आधार पर 12 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज किया है। यह दर्शाता है कि कानून की नजर में कोई भी अपराध बेजा नहीं है और हर अपराधी को उसके कर्मों की सजा मिलनी चाहिए। फिर भी, कई बार देखा गया है कि न्यायिक प्रक्रिया धीमी गति से चलती है, जिससे पीड़ितों को न्याय मिलने में देरी होती है।