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Sanjay Singh Arrest: संजय सिंह के घर पर हुआ तीन करोड़ का लेन-देन, रिमांड पर लेकर अब क्या करेगी ED

आबकारी घोटाला से जुड़े मनी लांड्रिंग मामले में राउज एवेन्यू की विशेष अदालत ने आम आदमी पार्टी (आप, AAP) के नेता और राज्यसभा सदस्य संजय सिंह को दस अक्टूबर तक के लिए प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) की हिरासत में भेज दिया। ईडी ने गुरुवार को संजय सिंह को अदालत के समक्ष पेश करके दस दिन के रिमांड की मांग की।ईडी ने संजय सिंह के आवास पर दो मौकों पर तीन करोड़ रुपये की राशि का आदान-प्रदान होने का तर्क भी दिया। वहीं, बचाव पक्ष ने ईडी की दलीलों को ठुकराते हुए रिमांड आवेदन का विरोध किया।

दोनों पक्षों के तर्कों को सुनने के बाद विशेष न्यायाधीश एमके नागपाल ने संजय सिंह को पांच दिन के लिए ईडी कस्टडी में भेजने का आदेश दिया। अदालत में ईडी द्वारा पेशी पर लाने के दौरान संजय सिंह ने पत्रकारों से कहा कि यह प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नाइंसाफी है और उनकी पार्टी आगामी लोकसभा चुनाव हारेगी। बुधवार को ईडी ने करीब 11 घंटे तक चली छापेमारी के बाद संजय सिंह को गिरफ्तार कर लिया था।

ईडी की तरफ से पेश हुए विशेष लोक अभियोजन नवीन मट्टा ने कहा कि दो किश्तों में कुल तीन करोड़ का लेनदेन हुआ है। ईडी ने कहा कि उक्त धनराशि संजय सिंह के आवास पर दी गईं। दिनेश अरोड़ा ने इसे संजय सिंह से क्रॉस-चेक किया था और उन्होंने इसकी पुष्टि की थी।जांच में पता चला है कि कुछ तीन करोड़ में से दो करोड़ रुपये नकद दिए गए थे। ईडी ने कहा कि आबकारी घोटाला मामले में अब तक कुल 239 स्थानों की तलाशी ली गई है। मोबाइल से लेकर डिजिटल सुबूतों से सामना कराने के लिए ईडी द्वारा रिमांड की मांग करने पर अदालत ने कहा कि यह तो बगैर कस्टडी के भी किया जा सकता है।अदालत ने कहा कि आप मोबाइल फोन का सीडीआर ले सकते हैं और जब फोन आपके पास है तो फिर सामना कराने जैसा क्या है। ईडी ने कहा कि कई अहम व्यक्तियों का परीक्षण किया जाना है।

10 दिन के रिमांड के ईडी के आवेदन का विरोध करते हुए संजय सिंह की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता मोहित माथुर ने कहा कि ऐसे व्यक्ति के लिए दस दिन के रिमांड की मांग करना बेतुका प्रस्ताव है, जोकि इसमें शामिल ही नहीं था। मामला शराब नीति से संजय सिंह का कोई लेना-देना नहीं है।उन्होंने आरोप लगाया कि सरकारी गवाह बने दिनेश अरोड़ा ने अपनी स्वतंत्रता सुरक्षित करने के लिए संजय सिंह को फंसाया है। उन्होंने तर्क दिया कि दिनेश अरोड़ा के बदले रुख को अदालत को देखना चाहिए। दिनेश अरोड़ा मार्च और अप्रैल में बयान देते हैं, लेकिन संजय सिंह का नाम नहीं आता है। अचानक से वह सरकारी गवाह बनकर नाम लेते हैं और उन्हें जमानत मिल जाती है।उन्होंने ईडी पर सिंह को गिरफ्तार कर अपमानित करने का आरोप लगाया। मोहित माथुर ने अरोड़ा को मामले में सिंह को फंसाने के लिए मजबूर करने का दावा किया। हालांकि, ईडी के अधिवक्ता शोएब हुसैन ने इसका विरोध करते हुए तर्क दिया कि प्रलोभन के आधार पर दिनेश अरोड़ा द्वारा बयान देने का तर्क पूरी तरह से निराधार है।

सुनवाई के दौरान अदालत के समक्ष संजय सिंह ने कहा कि मैं कोई अनजान व्यक्ति नहीं हूं कि अमित अरोड़ा व दिनेश अरोड़ा को मेरा नाम याद नहीं आया। इससे पहले दिन गए अपने कई बयानों में उन्होंने कभी मेरा नाम नहीं लिया, लेकिन अचानक ऐसा क्या हुआ कि उसने सारा बयान मेरे खिलाफ दिया।

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