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विद्यालयों (School) में निर्धारित समय तक अध्यापन कार्य कराये जाने के सम्बन्ध में नया निर्देश जारी किया गया हैं । कोविड-19 (Covid -19) महामारी के कारण विद्यालयों का भौतिक संचालन लगभग दो साल पूर्ण ५० उक्त निर्देशों का तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित किया जाय । समस्त विभागीय अधिकारियों का इस तरफ विशेष ध्यान अपेक्षित है। यदि किसी स्तर पर कोई लापरवाही परिलक्षित होती है तो सम्बन्धित अधिकारियों का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा। जिसकी वजह से छात्र-छात्राओं का शिक्षण कार्य भी प्रभावित हुआ है। कोविड-19 (Covid -19) के कारण लम्बे से बाद विद्यालयों में कक्षा 10 11 व 12 की कक्षायें दिनांक 31 जनवरी, 2022 तथा कक्षा-1 से 9 तक की कक्षायें दिनांक 07 फरवरी, 2022 से भौतिक रूप से संचालित की जा रही हैं।

वहीं,दिनांक 08 मार्च, 2022 को अधोहस्ताक्षरी द्वारा जनपद देहरादून(Dehradun) के कतिपय विद्यालयों का आकस्मिक निरीक्षण किया गया, किन्तु किसी भी विद्यालय में छात्र-छात्राओं को शिक्षकों द्वारा अध्यापन कार्य करवाया जाना नहीं पाया गया। अधिकांश विद्यालयों में शिक्षकों द्वारा निर्धारित समय से पूर्व ही छुट्टी कर छात्र छात्राओं को घर भेज दिया गया। कुछ विद्यालयों में निरीक्षण के समय ताले लगे हुये मिले। कतिपय शिक्षक विद्यालय से अनुपस्थित थे। इस प्रकार की परिस्थिति से स्पष्ट है कि शिक्षक विद्यालयों में छात्र-छात्राओं के अध्यापन के प्रति गम्भीर नहीं है। यह स्थिति किसी भी परिस्थिति में उचित नहीं है। कोविड-19 (Covid -19)के कारण विगत दो साल से विद्यालय अधिकांश बंद रहे हैं। कोविड-19 (Covid -19) की स्थिति सामान्य होने पर जब विद्यालय भौतिक रूप से संचालित होना शुरू हुये तो शिक्षकों का एकाएक छुट्टी पर जाना व छात्र-छात्राओं के अध्यापन के प्रति गम्भीर न होना अन्यत चिन्ताजनक स्थिति है।

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उक्त प्रकार (the above type)की स्थिति के लिये राज्य मण्डल, जनपद व विकास खण्ड स्तर पर तैनात विभागीय अधिकारी भी अपनी जिम्मेदारी से बच नहीं सकते। यदि सम्बन्धित • अधिकारियों द्वारा समय-समय पर विद्यालयों का औचक निरीक्षण किया जाता व विद्यालयों में सुचारू रूप से अध्यापन हेतु योजनावद्ध कार्यवाही की जाती तो उक्त परिस्थितियां परिलक्षित नहीं होती। शिक्षकों से लेकर अधिकारी तक सभी प्रथमतः छात्र-छात्राओं के प्रति जिम्मेदार हैं। ऐसी परिस्थिति में यदि विद्यालयों में अध्यापन कार्य प्रभावी ढंग से संचालित नहीं होता है तो इसके लिये हम सब उत्तरदायी हैं।

बता दें कि विद्यालयों के निरीक्षण में विद्यालय की समस्याओं का निदान, विद्यालय सुदृढ़ीकरण हेतु आवश्यक कार्यवाही, जब विद्यालय का दोबारा निरीक्षण करें तो पूर्व पाती गयी कमियों का निराकरण हुआ कि नहीं, पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिये। केवल निरीक्षण आख्या अपने उच्चाधिकारियों को प्रेषित कर अपनी जिम्मेदारी से इतिश्री नहीं की जानी चाहिये। अपने अधीनस्थ अधिकारियों की वार्षिक गोपनीय आख्या में प्रतिवेदक, समीक्षक या स्वीकृतकर्ता के रूप में अंकना के समय भी उक्त तथ्यों का संज्ञान लेते हुये इस इस सम्बन्ध में विशेष रूप से अंकना की जानी चाहिये ।

आपको बता दें कि शैक्षिक सत्र 2021-22 समाप्ति की तरफ है तथा विद्यालयों में वार्षिक गृह परीक्षा एवं परिषदीय परीक्षाओं का कार्यक्रम जारी हो चुका है, जिसके दृष्टिगत छात्र-छात्राओं के लिये पठन-पाठन के दृष्टिकोण से यह समय अत्यन्त महत्वपूर्ण है। साथ ही दिनांक 01 अप्रैल, 2022 से नवीन शैक्षिक सत्र भी प्रारम्भ होना है। फलस्वरूप शासनादेश संख्या 896 / XXIV-2/09/25 ( 36 ) / 2009 दिनांक 04 नवम्बर 2009 (संलग्न) व शासनादेश संख्या 741 / XXIV – नवसृजित / 18-25 (06)/2009 – TC दिनांक 28 अगस्त, 2018 ( संलग्न ) द्वारा राज्य के विद्यालयों के संचालन हेतु निर्धारित समयानुसार तत्काल प्रभाव से विद्यालयों में भौतिक रूप से छात्र छात्राओं का अध्यापन करवाया जाय। साथ ही कोविड-19 (Covid -19) के दृष्टिगत समय-समय पर प्रत्येक विद्यालय परिसर एवं कक्षा-कक्षाओं का सैनिटाईजेशन(sanitization) भी करवाया जाय। महानिदेशालय द्वारा पूर्व में हर महीने निरीक्षण किये जाने के मानक निर्गत किये गये हैं। निरीक्षण आख्याओं का संकलन सीमैट द्वारा किया जाता रहा है तथा अनुपालन प्रक्रिया की यथासमय सक्षम स्तर से की जानी आवश्यक है।५० उक्त निर्देशों का तत्काल प्रभाव से पालन सुनिश्चित किया जाय । समस्त विभागीय अधिकारियों का इस ओर विशेष ध्यान अपेक्षित है। यदि किसी स्तर पर कोई लापरवाही परिलक्षित होती है तो सम्बन्धित अधिकारियों का भी उत्तरदायित्व निर्धारित किया जायेगा।

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