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Tokyo Olympics: लवलीना के सेमीफाइनल मुकाबले पर पूरे देश की नजर,असम विधानसभा से भेजी जा रही हैं शुभकामनाएं।

भारत की युवा महिला मुक्केबाज लवलीना बोरगोहेन टोक्यो ओलंपिक में इतिहास रचने के लिए एक जीत दूर हैं। असम के गोलाघाट से आने वाली 24 वर्षीय मुक्केबाज 125 साल के ओलंपिक इतिहास में असम की पहली एथलीट हैं जिन्होंने पदक पक्का किया है। लवलीना बुधवार को तुर्की की मौजूदा विश्व चैंपियन बुसेनाज सुरमेनेली के खिलाफ जीत  हासिल  की ओलंपिक फाइनल में पहुंचने वाली पहली भारतीय मुक्केबाज बनने की कोशिश करेंगी।

लवलीना की जीत के लिए उनके गृह राज्य असम समेत देश भर में पूजा-अर्चना की जा रही है और उनकी जीत के लिए उन्हें शुभकामनाएं भेजी जा रही है। असम सरकार भी लवलीना के मुकाबले को लेकर काफी उत्साहित है इसीलिए  उन्होंने फैसला किया है कि लवलीना के सेमीफाइनल मुकाबले के दौरान असम ने विधानसभा की कार्यवाही तीस मिनट के लिए स्थगित रहेगी।

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दोनों का पहला ओलंपिक बता दें कि लवलीना और सुरमेनेली दोनों का यह पहला ओलंपिक है। दोनों 23 साल की हैं। बुसेनाज ने अंतरराष्ट्रीय स्तर पर दो स्वर्ण पदक जीते हैं। लवलीना ने अभी तक अपने कॅरिअर में विश्व चैंपियनशिप के दो कांस्य पदक जीते हैं। तुर्की की मुक्केबाज 2019 में  चैंपियनशिप की विजेता रही थी जबकि लवलीना को कांस्य पदक मिला था। तब इन दोनों के बीच मुकाबला नहीं हुआ था।

फाइनल में पहुंचने वालीं पहली भारतीय मुक्केबाज बन जाएंगी  असम की 23 वर्षीय लवलीना इतिहास रचने की दहलीज पर खड़ी है। वह पहले ही विजेंदर सिंह (2008) और एमसी मैरीकॉम (2012) की बराबरी कर चुकी है। लवलीना का पदक पिछले नौ वर्षों में भारत में  पहला  मुक्केबाजी का   पदक होगा लेकिन उनका लक्ष्य अब फाइनल में पहुंचना होगा जहां अभी तक कोई भारतीय नहीं पहुंचा है। 

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