Microsoft ने आज अपनी 2021 Global Tech Support Scam Research Report के निष्कर्ष जारी किए, जिसके मुताबिक पिछले 12 महीने में भारतीय ग्राहक सबसे ज्यादा online fraud का शिकार हुए हैं। इसकी दर करीब 69% रही, जो कि वर्ष 2018 की 70% के बराबर थी। वही वैश्विक स्तर पर online fraud में 5 % गिरकर 59% रही। भारत के करीब 48% ग्राहक लगातार online fraud का शिकार होते रहे हैं। वर्ष 2018 की तुलना में इसमें 8 अंकों का इजाफा हुआ है, जो कि दुनियाभर के आंकड़ों से तीन गुना ज़्यादा है।
वजह जानकर आप हस पड़ेंगे
भारतीय ग्राहकों (Indian audience) के इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार बनने की संभावना ज़्यादा है क्योंकि वे अनचाही कॉल पर ज़्यादा भरोसा करने लगते हैं और उन्हें भरोसा रहता है कि यह कॉल कंपनी की तरफ से है। 2021 के सर्वेक्षण में 47% लोगों ने सोचा कि इस बात की काफी संभावना है कि कोई कंपनी अनचाही कॉल, pop up, text message, advertisement या email के माध्यम से उनसे संपर्क करेगी। इसमें साल 2018 के 32 % की तुलना में 15 अंकों की बढ़ोतरी दर्ज की गई है।
महिलाओं के मुकाबले पुरूष ज्यादा होते हैं फ्रॉड के शिकार
भारत में धोखाधड़ी करने वालों से बातचीत करने वाले 73% पुरुषों के पैसा गंवाने की संभावना थी। जबकि इसकी तुलना में केवल 27% महिलाओं ने पैसा गंवाया। भारत के 3 में से एक करीब 31% लोगों ने धोखाधड़ी करने वालों से बातचीत जारी रखी और अपना पैसा गंवाया। इसमें साल 2018 (14%) की तुलना में 17 अंकों का इजाफा हुआ है। भारत में साल 2021 में Millennials (24-37 age group) के इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होने की बहुत संभावना थी। इस आयुवर्ग में 58% लोगों को पैसे का नुकसान हुआ। धोखाधड़ी का भारतीय ग्राहक सबसे ज्यादा जवाब देते हैं।
Fraud call पर सबसे ज्यादा बातचीत करते हैं भारतीय
साल 2018 से 2021 के बीच भारत में अनचाही कॉल से होने वाली धोखाधड़ी की घटनाएं 23% से बढ़कर 31% हो गई हैं, और इस तरह की सर्वेक्षण में शामिल लोगों में से लगभग आधे ने इस तरह की बातचीत की। इसी अवधि के दौरान अनचाही कॉल से होने वाली धोखाधड़ी की वैश्विक दर दो अंक गिरकर साल 2018 के 27% की तुलना में 2021 में 25% पर आ गई। हालांकि pop up advertisement (51%), वेबसाइटों पर redirect करने (48%), या अनचाही e-mail (42%) से जुड़ी धोखाधड़ी के मामलों में साल 2021 में 2018 की तुलना में क्रमशः 5%, 1% और 2% की गिरावट आई है। भारत में इसी अवधि में ग्राहकों के इसी तरह की धोखाधड़ी के लगातार शिकार होते रहने की संभावना, क्रमशः 11% , 16%, और 7% ज़्यादा है।
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पैसा गंवाने में भी भारतीय अव्वल
भारत में साल 2021 में इस तरह की धोखाधड़ी में पैसा गंवाने वालों को औसतन 15,334 रुपये का नुकसान हुआ। हालांकि, इस तरह पैसा गंवाने वालों में से 88% लोग कुछ पैसा वापस पाने में कामयाब हुए और उन्हें औसतन 10,797 रुपये वापस मिले। पैसे गंवाने वालों में से 43% ने bank transfer से भुगतान किया था और यह भुगतान का सबसे आम तरीका रहा, इसके बाद 38% ने gift card, 32% ने पेपाल, 32% ने credit card, और 25% ने Bitcoin से भुगतान किया।
धोखेबाज़ों से बातचीत जारी रखकर साल 2021 में पैसा गंवाने वाले 77% भारतीय ग्राहकों ने गंभीर या मध्यम स्तर का तनाव का महसूस किया, जो कि 69% के वैश्विक औसत से 8% ज़्यादा है। वर्ष 2021 में computer से जुड़ी किसी धोखाधड़ी का शिकार होने वाले 82% लोगों ने अपने कंप्यूटरों की जांच या मरम्मत में समय बिताया, जो 76% के वैश्विक औसत से थोड़ा ज़्यादा है। Computer की जांच करना बहुत ज़रूरी है क्योंकि कुछ धोखेबाज़ कंप्यूटर पर मैलवेयर डाल देते हैं और बातचीत बंद होने के काफी दिनों बाद शिकार व्यक्ति के कंप्यूटर को remote access कर लेते हैं। Millennials और पुरुषों के इस तरह की धोखाधड़ी का शिकार होने की सबसे ज़्यादा संभावना है।