हल्द्वानी राज्य के शिक्षा मंत्री डॉ. धन सिंह रावत ने नवनियुक्त प्राथमिक शिक्षकों के लिए एक महत्वपूर्ण घोषणा की। उन्होंने कहा कि सभी नवचयनित शिक्षकों की पहली नियुक्ति दुर्गम और दूरस्थ विद्यालयों में की जाएगी, और उन्हें वहां कम से कम पांच वर्षों तक सेवा करनी होगी। उन्होंने स्पष्ट किया कि किसी भी शिक्षक को निर्धारित अवधि से पहले सुगम क्षेत्रों में तैनाती के लिए कोई सिफारिश नहीं करनी चाहिए, अन्यथा वेटिंग लिस्ट के अभ्यर्थियों को प्राथमिकता दी जाएगी।
नैनीताल में नियुक्ति पत्रों का वितरण:
शिक्षा मंत्री ने शनिवार को जीजीआईसी, हल्द्वानी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान नैनीताल जिले के प्राथमिक विद्यालयों में पहली काउंसलिंग में चयनित 48 अभ्यर्थियों को नियुक्ति पत्र सौंपे। इस अवसर पर उन्होंने बिना देरी के विद्यालयों में कार्यभार संभालने के निर्देश भी दिए। डॉ. रावत ने विशेष रूप से दिव्यांग अभ्यर्थियों को मंच से नीचे उतरकर नियुक्ति पत्र सौंपे।
दिसंबर तक 2500 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों की नियुक्ति:
* शिक्षा मंत्री ने घोषणा की कि दिसंबर तक प्रदेश के स्कूलों में 2500 चतुर्थ श्रेणी कर्मियों, 1500 एलटी शिक्षकों और 700 प्रवक्ताओं की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा, लोक सेवा आयोग के माध्यम से 650 प्रधानाचार्यों की भी नियुक्ति की जाएगी।
स्कूलों का सौंदर्यीकरण
डॉ. रावत ने बताया कि प्रदेश के कई विद्यालयों की स्थिति में सुधार की आवश्यकता है। इसके लिए 100 करोड़ रुपये की लागत से विद्यालयों का सौंदर्यीकरण किया जाएगा। उन्होंने यह भी बताया कि प्रदेश में 12 विद्यार्थियों पर एक शिक्षक नियुक्त करने की योजना पर काम चल रहा है। एकल शिक्षक वाले विद्यालयों में शिक्षक के अवकाश पर होने की स्थिति में पास के विद्यालय से शिक्षक की ड्यूटी लगाई जाएगी।
सीएम धामी के नेतृत्व में राज्य की प्रगति:
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के नेतृत्व की प्रशंसा करते हुए डॉ. रावत ने कहा कि राज्य निरंतर प्रगति के पथ पर आगे बढ़ रहा है और प्रदेश में कोई राजनीतिक अस्थिरता नहीं है।
महाविद्यालयों का नैक एवं एनआईआरएफ आवेदन:
शिक्षा मंत्री ने स्पष्ट किया कि इस वर्ष प्रदेश के महाविद्यालयों ने एनआईआरएफ रैंकिंग के लिए आवेदन नहीं किया था, जिसके चलते उत्तराखंड का कोई महाविद्यालय इसमें स्थान नहीं बना सका। हालांकि, सभी महाविद्यालयों का नैक करवाने की प्रक्रिया जारी है।
अस्थायी प्रोफेसरों के मानदेय में वृद्धि:
प्रदेश के डिग्री कॉलेजों में कार्यरत अस्थायी प्रोफेसरों द्वारा मानदेय बढ़ाने की मांग पर डॉ. रावत ने आश्वासन दिया कि उनके मानदेय में वृद्धि की प्रक्रिया चल रही है और जल्द ही इसका लाभ उन्हें मिलेगा।
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