उत्तराखंड के एक व्यक्ति ने बेटे की चाहत में जीवन की सभी हदें पार कर दीं, जिसके चलते उसने न केवल दो शादियां कीं, बल्कि दो लिव-इन रिलेशनशिप भी बनाए। बावजूद इसके, जब उसे बेटा नहीं हुआ, तो वह मानसिक रूप से अस्थिर हो गया।
विदेश में होटल खोलकर कमाई दौलत, पर बेटे की चाहत से बनीं कई शादियां
विदेश में होटल का कारोबार करने वाले इस व्यक्ति ने बड़ी दौलत कमाई, लेकिन उसका ध्यान अपने उत्तराधिकारी यानी बेटे की चाहत पर केंद्रित हो गया। इसके लिए उसने दो बार विवाह किया और जब यह भी असफल रहा, तो उसने दो अन्य महिलाओं के साथ लिव-इन रिलेशनशिप शुरू किए। हालांकि, उसकी किस्मत ने उसे बेटा नहीं दिया, बल्कि चार बेटियां हुईं।
चौथी बेटी के जन्म के बाद पत्नी से बनाई दूरी
इस व्यक्ति की चौथी बेटी के जन्म के बाद, उसने अपनी लिव-इन पार्टनर से भी दूरी बना ली। वर्तमान में, उसकी यह पार्टनर अपनी बेटी और पहली पत्नी के साथ रह रही है। उसे देहरादून में एक बंगला और गाड़ी दी गई है, लेकिन वह शख्स उन्हें मानसिक रूप से प्रताड़ित कर रहा है।
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महिला आयोग की हस्तक्षेप और काउंसलिंग
मामले की गंभीरता को देखते हुए महिला आयोग ने इस पर हस्तक्षेप किया और व्हाट्सएप वीडियो कॉलिंग के माध्यम से व्यक्ति की काउंसलिंग की। आयोग ने उसे समझाया कि उसे अपनी पार्टनर और बेटी के कानूनी अधिकार देने होंगे। सुनवाई के दौरान महिला आयोग की सदस्य सचिव उर्वशी चौहान और विधि अधिकारी दयाराम भी उपस्थित थे। इस मामले में आयोग ने अगली सुनवाई की तारीख निर्धारित की है।यह घटना न केवल समाज के लिए एक सीख है, बल्कि यह भी दिखाती है कि बेटे की चाहत किस हद तक लोगों को मानसिक और सामाजिक रूप से प्रभावित कर सकती है।