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उत्तराखंड के एक निजी अस्पताल की नर्स तस्लीम जहां के रहस्यमयी लापता होने के 10 दिन बाद उसका शव उत्तर प्रदेश के डिबडिबा क्षेत्र के एक खाली प्लॉट में मिलने से हड़कंप मच गया। तस्लीम जहां, जो 30 जुलाई की रात से गायब थी, के बारे में 31 जुलाई को उसकी बहन शाहिबा ने रुद्रपुर कोतवाली में गुमशुदगी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।शव की हालत इतनी खराब थी कि शरीर पर चोट के कोई निशान स्पष्ट रूप से दिखाई नहीं दे रहे थे।

पुलिस का मानना है कि हत्या के बाद शव को झाड़ियों में फेंक दिया गया था। पुलिस और स्वजनों के अनुसार, यह संदेह है कि पहचान छुपाने के लिए शव को किसी केमिकल से गलाया गया है, जो मेडिकल स्टोर या अस्पताल में उपलब्ध होता है।तस्लीम जहां, मूल रूप से गदरपुर की रहने वाली थी और वर्तमान में बिलासपुर, डिबडिबा स्थित वसुंधरा इन्क्लेव में रहती थी। वह रुद्रपुर के एक निजी अस्पताल में नर्स के रूप में कार्यरत थी। उसकी गुमशुदगी के बाद से पुलिस ने उसके अंतिम देखे गए स्थान के सीसीटीवी फुटेज की जांच की, जिसमें वह अपने घर के पास दिखाई दी थी।गुरुवार रात, डिबडिबा क्षेत्र में एक खाली प्लॉट पर झाड़ियों में तस्लीम जहां का शव मिला।

इस जानकारी के बाद पुलिस और स्वजनों में चिंता का माहौल है। स्वजन आरोप लगा रहे हैं कि तस्लीम की हत्या के पीछे अस्पताल के किसी व्यक्ति का हाथ हो सकता है, और इस सिलसिले में पुलिस जांच कर रही है।पुलिस ने मृतका के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर लगाकर उसकी कॉल डिटेल रिकॉर्ड (सीडीआर) की जांच शुरू कर दी है। इसके अलावा, घटनास्थल और आसपास के क्षेत्र में लगे सीसीटीवी कैमरों की भी बारीकी से जांच की जा रही है।तस्लीम जहां का करीब सात-आठ साल पहले अपने पति से तलाक हो चुका था, और उसकी एक बेटी भी है, जिसका इस घटना के बाद रो-रोकर बुरा हाल है।

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स्वजन की ओर से आरोप लगाए जा रहे हैं कि किसी चोर से बरामद हुआ एक मोबाइल फोन हत्या के संबंध में महत्वपूर्ण सुराग दे सकता है, लेकिन दूसरा मोबाइल अभी तक बरामद नहीं हुआ है।इस दुखद घटना के बाद पुलिस ने जांच में तेजी ला दी है और हर पहलू की गहराई से जांच कर रही है। पोस्टमार्टम रिपोर्ट आने के बाद ही तस्लीम जहां की मौत के सही कारणों का खुलासा हो सकेगा।

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