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शहर के खालसा मोहल्ले में एक दर्दनाक घटना ने हाल ही में फिर से सुर्खियां बटोरीं। फरवरी 2024 में, एक हिंदू लड़की पर धारदार हथियार से जानलेवा हमला करने वाले मुख्य आरोपी आकिब और उसके भाई को हाल ही में जमानत मिल गई। उनके जेल से लौटने पर जिस तरह का स्वागत किया गया, उसने पूरे इलाके में तनाव की स्थिति पैदा कर दी।

फरवरी 2024 की घटना के दौरान, खालसा मोहल्ले की एक युवती अपनी बहन के साथ ट्यूशन जा रही थी, तभी आकिब और उसके साथियों ने उस पर धारदार हथियार से हमला किया। इस हमले का उद्देश्य युवती की हत्या करना था, लेकिन वह किसी तरह अपनी जान बचाने में सफल रही। हमले के बाद, पुलिस ने मुख्य आरोपी आकिब और उसके परिवार वालों के खिलाफ कठोर कार्रवाई की। पुलिस ने आरोपियों के घर पर बुलडोजर भी चलाया, जिससे यह संदेश साफ हो गया कि ऐसी घटनाओं को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हाल ही में, हाईकोर्ट ने आकिब को जमानत दी। जमानत पर बाहर आने के बाद, आकिब और उसके भाई का स्वागत धूमधाम से किया गया। ढोल-नगाड़ों और आतिशबाजी के साथ जश्न मनाया गया, जिससे पूरे मोहल्ले में खलबली मच गई। आकिब ने खुलेआम धमकी दी और कहा, “तुम्हारा बाप अब बाहर आ गया है, इस केस में फैसला कर लो, नहीं तो पूरे परिवार को खत्म करके ही जेल जाऊंगा।” इस तरह की धमकियों से पीड़ित परिवार में डर और बेचैनी का माहौल पैदा हो गया।

जब यह वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल हुआ, तो पुलिस प्रशासन ने तत्काल कार्रवाई की। कई लोगों को हिरासत में लिया गया और मामले में मुकदमा दर्ज किया गया। एएसपी अभय प्रताप सिंह ने कहा, “मामले में मुकदमा दर्ज कर आठ से दस लोग हिरासत में लेकर उनसे पूछताछ की जा रही है और माहौल खराब करने वालों से शक्ति से निपटा जाएगा।”

खालसा मोहल्ला निवासी खूब सिंह ने पुलिस को तहरीर देकर बताया कि उनका एक मामला आकिब व अन्य के खिलाफ न्यायालय में विचाराधीन है। उन्होंने आरोप लगाया कि जमानत पर बाहर आने के बाद आकिब ने ढोल-नगाड़ों के साथ आतिशबाजी कर जश्न मनाया और उनके परिवार को धमकाया।

इस घटना ने शहर में सांप्रदायिक तनाव को और बढ़ा दिया है। हिंदू संगठनों ने इसका कड़ा विरोध किया और न्याय की मांग की। उन्होंने पुलिस प्रशासन से सख्त कार्रवाई करने की अपील की ताकि भविष्य में ऐसी घटनाएं न हों।

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खालसा मोहल्ले की यह घटना कानून व्यवस्था पर गंभीर सवाल खड़े करती है। ऐसे मामलों में न्याय और सुरक्षा सुनिश्चित करना प्रशासन की प्राथमिकता होनी चाहिए। पुलिस की सख्त कार्रवाई और न्यायिक प्रक्रिया के जरिए ही इस तरह की घटनाओं पर लगाम लगाई जा सकती है। इस घटना से यह स्पष्ट हो जाता है कि समाज में शांति और सद्भाव बनाए रखने के लिए सभी समुदायों को मिलकर काम करना होगा और किसी भी प्रकार की हिंसा और अपराध को सख्ती से रोकना होगा।

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