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खबर रक्षामंत्री राजनाथ सिंह आज शुक्रवार को जोशीमठ के ढाक पहुंचे। यहां से उन्होंने भारत-चीन सीमा को जोड़ने वाले जोशीमठ-मलारी हाईवे समेत देश के विभिन्न जगहों की 35 परियोजनाओं का लोकार्पण किया, जिसमें 28 पुल और छह सड़के शामिल हैं।


बता दें की रक्षा मंत्री दोपहर करीब 12 बजे हेलिकॉप्टर से जोशीमठ पहुंचे और वहां से सड़क मार्ग से ढाक पहुंचे। इस दौरान सुरक्षा चाक चौबंद रही। सभी पुलिसकर्मी निर्धारित समय से तीन घंटे पहले ड्यूटी स्थल पर पहुंचे।


वहीं कुछ सीमावर्ती राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में प्राकृतिक आपदाओं की बढ़ती संख्या पर चिंता व्यक्त करते हुए उन्होंने कहा कि यह पता लगाने के लिए हमें अध्ययन की जरूरत है कि क्या सीमावर्ती राज्यों में प्राकृतिक आपदाओं के बढ़ने में दुश्मनों का हाथ है।


इतना ही नहीं उन्होंने कहा, जलवायु परिवर्तन अब केवल मौसम संबंधी घटना नहीं है, बल्कि राष्ट्रीय सुरक्षा से भी जुड़ा है। कहा कि सीमा क्षेत्र के बुनियादी ढांचे के विकास के लिए मोदी सरकार का दृष्टिकोण पिछली सरकारों के दृष्टिकोण से अलग है।

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हम सीमावर्ती क्षेत्रों को बफर जोन के रूप में नहीं मानते हैं। हमारे लिए वे हमारी मुख्यधारा का हिस्सा हैं। हम अपनी विकास यात्रा को समुद्र से सीमाओं तक ले जाना चाहते हैं। यही कारण है कि हम अपने सीमावर्ती क्षेत्रों में विश्व स्तरीय बुनियादी ढांचे का निर्माण भी कर रहे हैं।

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