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आज की बड़ी खबर आ रही सामने. बता दें कि Allahabad High Court ने 1 April, 2005 के पहले चयनित लेखपालों (Accountants) के लिए पुरानी पेंशन योजना बहाल कर दी है। कोर्ट ने याचिका को स्वीकार करते हुए याचियों को पुरानी पेंशन का हकदार मानते हुए सरकार (Government) को पुरानी पेंशन का लाभ देने का आदेश दिया है।

साथ ही वहीं सूत्रों से मिली जानकारी के मुताबिक आपको बता दें कि यह फैसला Justice Saral Srivastava की एकल खंडपीठ ने Accountants Association व अन्य की ओर से दाखिल याचिका को स्वीकार करते हुए सुनाया है। वहीं, State Government की ओर Additional Advocate General Neeraj Tripathi ने दलील दी कि याचियों की नियुक्ति 1 April, 2005 या उसके बाद हुई है, इसलिए पुरानी पेंशन योजना इन पर लागू नहीं होती। वहीं, याचियों की दलील थी कि उनका चयन एवं प्रशिक्षण सत्र 2003-04 में हुआ था। अगस्त 2004 में प्रशिक्षण पूरा हो गया था। उनकी नियुक्ति में देरी सरकार की ओर से हुई। अगर प्रशिक्षण पूरा करने के बाद सरकार (Government) की ओर से नियुक्ति में देरी न हुई होती तो याची पुरानी पेंशन के लिए निर्धारित अवधि के दायरे में होते। याचियाें ने नई पेंशन योजना के तहत वेतन से हो रही कटौती को पुरानी पेंशन योजना के अंतर्गत जीपीएफ (GPF) में समायोजित करने की भी मांग की है।

बता दें कि बेसिक Education Department ने 1 April, 2005 या उसके बाद नियुक्त उन कार्मिकों का ब्योरा मांगा है, जिनकी नियुक्ति के लिए विज्ञापन 1 April, 2005 के पहले प्रकाशित हुआ था। ऐसे में शिक्षकों व कर्मचारियों में उम्मीद जगी है कि केंद्र की भांति उन्हें भी पुरानी पेंशन का विकल्प मिलेगा। वहीं, Joint Education Director Ganesh Kumar ने सभी बीएसए (BSA) को इस संबंध में पत्र भेजा है। हालांकि, उन्होंने विशिष्ट बीटीसी 2004 में नियुक्त अभ्यर्थियों को न शामिल करने की बात कही है। इससे शिक्षकों में नाराजगी है। माना जा रहा है कि हाल में उप्र शिक्षक महासंघ की शासन में हुई बैठक में ऐसे शिक्षक जिनका चयन 1 April, 2005 से पूर्व हो गया था परंतु उनका कार्यभार ग्रहण 1 April, 2005 के बाद हुआ है, उनको केंद्र की तरह पुरानी पेंशन से लाभंवित करने पर सहमति बनी थी। इसी के बाद विभाग ने कवायद शुरू की है।

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