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Apple ने भारत में लगभग आधा दर्जन नेताओं को एक अलर्ट संदेश भेजा है, जिसमें उन्हें चेतावनी दी गई है कि उनके iPhones को “राज्य-प्रायोजित हमलावरों” द्वारा निशाना बनाया गया है। विपक्षी नेताओं ने सरकार पर उनके फोन टैप करने का आरोप लगाया है, लेकिन पूर्व केंद्रीय मंत्री और बीजेपी सांसद रविशंकर प्रसाद ने आरोपों को बेबुनियाद बताया है और नेताओं को एप्पल से स्पष्टीकरण मांगने की सलाह दी है.

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि Apple ने स्पष्ट रूप से यह नहीं कहा है कि हैकिंग के प्रयासों के पीछे भारत सरकार है। हालाँकि, किया  कंपनी ने भारतीय नेताओं को अलर्ट संदेश भेजा है, यह बताता है कि उसका मानना है कि उन्हें निशाना बनाए जाने का खतरा बढ़ गया है।

भारत में पत्रकारों और कार्यकर्ताओं को निशाना बनाने के लिए पेगासस स्पाइवेयर के इस्तेमाल के इतिहास को देखते हुए, सरकार के खिलाफ विपक्षी नेताओं के आरोप समझ में आते हैं। हालाँकि, यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि इस स्तर पर ये केवल आरोप हैं।

सरकार पर लगाए जा रहे आरोप बेबुनियाद

पूर्व केंद्रीय मंत्री रविशंकर प्रसाद ने सरकार पर लगाए जा रहे आरोप को बिल्कुल बेबुनियाद और गलत बताया। इसके साथ ही उन्होंने कहा कि इन नेताओं को एप्पल से सफाई मांगनी चाहिए कि यह किस तरह का मैसेज है और कंपनी के जवाब से असंतुष्ट होने पर एफआईआर करवानी चाहिए। इसके साथ ही उन्होंने विपक्ष पर भड़कते हुए कहा कि इन नेताओं को एफआईआर करने से कौन रोक रहा है ? यह क्या मैसेज है और क्यों भेजा गया है, इसके बारे में तो एप्पल कंपनी ही सफाई दे सकती है ?

राहुल गांधी पर साधा निशाना

उन्होंने जासूसी के बहाने शशि थरूर पर निशाना साधे हुए कहा कि वह तो स्वयं आईटी से जुड़ी स्टैंडिंग कमेटी के अध्यक्ष रह चुके हैं, वह इस मामले में एप्पल कंपनी से क्लेरिफिकेशन क्यों नहीं मांगते हैं ? प्रसाद ने चुनौती देते हुए कहा कि अगर ये नेता एप्पल की सफाई से संतुष्ट नहीं होते हैं तो जाकर एफआईआर करवाएं। प्रसाद ने इन नेताओं के आरोपों को राहुल गांधी द्वारा लगाए गए आरोपों के समान बताते हुए कटाक्ष किया कि यह इस तरह का मामला लग रहा है जैसे राहुल गांधी ने देश भर में हल्ला मचाया था कि पेगासस से उनके फोन की जासूसी हो रही है लेकिन जब सुप्रीम कोर्ट ने उन्हें अपना फोन जांच कमेटी को जांच के लिए देने को कहा तो उन्होंने नहीं दिया।

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