वैसे तो सावन माह में बहुत से व्रत और त्योहार मनाए जाते हैं, लेकिन उन्हीं में से एक खास व्रत है हरियाली तीज। सुहागिन महिलाओं के लिए यह दिन बहुत ही खास होता है। कहते हैं जो भी महिला इस दिन व्रत रखती है, उसे अखंड सौभाग्यवती का आशीर्वाद मिलता है। हर वर्ष सावन माह के शुक्ल पक्ष की तृतीया तिथि को हरियाली तीज का व्रत मनाया जाता है। इसे श्रावणी तीज के नाम से भी जाना जाता है। मां गौरा और भगवान शिव जैसा साथ और प्रेम पाने की कामना से महिलाएं ये व्रत रखती हैं।
बता दें की देहरादून के तपोवन एन्क्लेव में शिव मंदिर में भी तीज का त्योहार बड़ी धूमधाम से मनाया गया। जिसमें अधिक संख्या में महिलाएं एकत्रित हुई । सभी ने भगवान से अखंड सौभाग्यवाती रहने का आशीर्वाद लिया और इसके बाद जमकर नाच गाना भी किया।तीज के इस खास अवसर पर महिलाओं को उपहार भी दिए गए और प्रसाद आदि का भी वितरण किया गया।
दरअसल,हरियाली तीज को लेकर ऐसी मान्यता है कि यह व्रत सबसे पहले माता पार्वती ने महादेव को अपने पति के रूप में पाने के लिए किया था। इस व्रत करने से पति की दीर्घायु के साथ-साथ संतान प्राप्ति की इच्छा भी पूर्ण होती है। हरियाली तीज प्रमुख रूप से पश्चिमी उत्तर प्रदेश, हरियाणा, पंजाब और राजस्थान में मनाई जाती है।