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उत्तराखंड में अलग-अलग क्षेत्रों में निवेश के लिए निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार नई नीतियां बना रही और पहले से लागू नीतियों में बदलाव भी कर रही है। इसी दिशा में अगली कैबिनेट बैठक में तीन और नीतियों पर मुहर लगेगी। इसमें सेवा क्षेत्र, आयुष और सेब नीति शामिल है। विभागों ने इन नीतियों का ड्राफ्ट भी तैयार कर लिया है।


बता दें की राज्य में राजस्व बढ़ोतरी के लिए सरकार का फिलहाल सेवा क्षेत्र के उद्योगों में निवेश पर विशेष जोर है। इसमें स्वास्थ्य, शिक्षा, आईटी में निवेशकों को प्रोत्साहित करने के लिए पहली बार सेवा क्षेत्र नीति बनाई जाएगी। साथ ही राज्य में नए अस्पताल, उच्च शिक्षा संस्थान और आईटी संस्थानों में निवेश के लिए सरकार की ओर से प्रोत्साहन राशि दी जाएगी। इसके अलावा उत्तराखंड में आयुष व वेलनेस की संभावना को देखते हुए आयुष नीति, पर्वतीय क्षेत्रों में बागवानी उत्पादों का उत्पादन बढ़ाने और खाद्य प्रसंस्करण उद्योग लगाने के लिए सेब नीति बनाई जा रही है।


वहीं सचिव मुख्यमंत्री आर. मीनाक्षी सुंदरम ने बताया कि निवेशक सम्मेलन के लिए नीतियों को तैयार करने का काम लगभग पूरा हो गया है। अगली कैबिनेट में सर्विस सेक्टर, आयुष और सेब नीति का प्रस्ताव मंजूरी के लिए रखा जाएगा। रोड शो के दौरान अलग-अलग क्षेत्रों की नीतियों को निवेशकों के समक्ष रखा जाएगा।

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सूक्ष्म, लघु एवं मध्यम उद्यम (MSME ), निजी औद्योगिक क्षेत्र स्थापना नीति, पर्यटन नीति, स्टार्टअप नीति को मंजूरी दे चुकी है। MSME नीति में सरकार ने पर्वतीय क्षेत्रों में निवेश करने पर 50 लाख से चार करोड़ रुपये तक सब्सिडी देने का प्रावधान किया है।

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