हिमालय क्षेत्र से संबंधित जितने भी गांव हैं उनमें बारिश का दौर अभी भी जारी है। जगह-जगह सड़कों पर मलबा और बोल्डर आने के कारण यातायात भी प्रभावित हुआ है।भूस्खलन से घरों पर भी अब खतरा मंडराने लगा है। गधेरे उफान पर आ गए हैं। कपकोट-पिंडारी मोटर मार्ग कई स्थानों पर भूस्खलन की भेंट चढ़ गया है।
आपको बता दें कि 11 से अधिक सड़कों पर यातायात प्रभावित हुआ है, जिसके कारण करीब 15हजार से अधिक की जनसंख्या भी प्रभावित हुई है। साथी बिजली,पानी आदि समेत अनेकों समस्याएं उत्पन्न हो रहे हैं।
गौरतलब है की जिले में बीते शुक्रवार की देर रात से रुक-रुककर बारिश हो रही है। फरसाली वल्ली में पंचायत घर से देली नाला तक रास्ता पूरी तरह ध्वस्त हो गया है, जिससे ग्रामीणों का आवागमन प्रभावित होने लगा है। परमटी निवासी पुष्पा देवी पत्नी स्व. महेंद्र सिंह के मकान के आगे भूस्खलन हो रहा है, जिससे उनके मकान को खतरा पैदा हो गया है।
तो वहीं दुलम गांव में भूस्खलन के कारण लोग भयभीत हो गए हैं। मोटर मार्ग के किमी सात में जग्यूड़ा के समीप भारी मात्रा में मलबा और बोल्डर गिर गए हैं। स्थानीय निवासी धाम सिंह ने बताया कि मलबा हटाया जा रहा है।
वहीं दूसरी ओर सातचौरा-जल्थाकोट किमी दो और तीन, कपकोट-पिंडारी ग्लेशियर किमी चार से 12 और 18, भानी-हरसिंग्याबगड़ किमी दो और तीन, कठपुड़ियाछीना-सेराघाट किमी एक और पांच, कुचौली-मलसूना-टकनार किमी एक और दो, बांसपठान से रावतसेरा किमी एक, काफलीकमेड़ा किमी चार, बड़ेत किमी एक से तीन, सूपी-झूनी किमी तीन और छह पर यातायात प्रभावित चल रहा है।
झूनी गांव में भी दो वर्ष से कट रही सड़क का मलबा गांव में घुसने लगा है। पत्थर, मलबा और पेड़ गिर रहे हैं। रास्तें भी क्षतिग्रस्त हो रहे हैं। स्थानीय निवासी गोविंद टाकुली ने जानकारी दी कि स्कूली बच्चों और ग्रामीणों की दिक्कतें बढ़ गई हैं। सड़क से लगभग 250 मीटर क्षेत्र पर अधिक खतरा है। राशन आदि की भी परेशानी होने लगी हैं। गांव में बिजली की सुविधा नहीं है। जिससे ग्रामीणों को प्रकृति के साथ जूझना पड़ रहा है।
मामले में जिला आपदा अधिकारी शिखा सुयाल ने बताया की कपकोट में अधिकतर सड़कों को खोलने के लिए लोडर मशीन लगाई गई है। राजस्व की टीम लगातार नुकसान का आकलन कर रही है। अभी तक किसी बड़ी घटना की पुष्टि नहीं है।