भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान( आईआईटी) रुड़की की ओर से अपशिष्ट प्रबंधन को बढ़ावा देने के लिए पर्यावरण अनुकूल डिस्पोजेबल पेपर के लिए कोटिंग तैयार की है। इससे पानी में घुलनशील होने के साथ ही खाद्य पदार्थों को ताजा भी रखेगी। संस्थान का यह शोध मेक इन इंडिया की मुहिम के तहत है।
बता दें की बुधवार को आईआईटी रुड़की ने वाणिज्य प्रयोग के लिए यह तकनीक एमएसएमएस पेपर्स नई दिल्ली को स्थानांतरित की है। कंपनी के एमडी गुरमीत सिंही ने कहा कि यह तकनीक नवाचार प्रक्रिया का एक आंतरिक हिस्सा है। आइआइटी ने इस तकनीक को देकर सराहनीय कार्य किया है।
जी हाँ,कंपनी के एमडी गुरमीत सिंही ने कहा कि इस समय पूरे विश्व में अपशिष्ट प्रबंधन को लेकर जोर दिया जा रहा है। इनका प्रबंधन करना भी एक बड़ी चुनौती है। साथ ही यह पर्यावरण को नुकसान पहुंचाते थे लेकिन इस तकनीक से अपशिष्ट का प्रबंधन करना और भी आसान हो जाएगा।
वहीं आईआईटी के निदेशक प्रो. केके पंत ने कहा कि पर्यावरण की रक्षा में संस्थान का एक ओर कदम है। उन्होंने कहा कि डिस्पोजेबल पेपर उत्पादों में प्लास्टिक के उपयोग को समाप्त कर एक स्वस्थ एवं चिरस्थायी योगदान समाज में दे सकते हैं। यह तकनीक पर्यावरण संबंधी चिंताओं को दूर करने का काम करेगी। साथ ही डिस्पोजेबल पेपर कचरे को रिसाइकिल योग्य सामग्री में बदल देगी।
इतना ही नहीं,प्रो. केके पंत ने कहा कि डिस्पोजेबल पेपर नगर निकायों के ठोस कचरे को भी कम करेगी। यह प्रयास स्वच्छ एवं हरित भारत की दिशा को और आगे बढ़ाने का काम करेगा। इस मौके पर धर्मदत्त, प्रो मिली पंत, प्रो अक्षय द्विवेदी, डॉ अनुराग कुलश्रेष्ठ, श्री ब्रह्म प्रकाश आदि ने इस प्रौद्योगिकी के बारे में से जानकारी दी।