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बड़ी खबर इस वक्त की जहाँ देश और दुनियाभर में करोड़ों लोगों की आस्था के केंद्र भगवान बदरीविशाल की चढ़ावे (दान) की करोड़ों की जमीन पर अवैध कब्जे हैं। उत्तराखंड में गढ़वाल और कुमाऊं मंडल से लेकर लखनऊ, महाराष्ट्र तक भगवान के नाम पर भूमि दर्ज है। इनमें कुछ स्थानों पर जमीन पर कब्जे हैं, लेकिन शासन-प्रशाासन इन कब्जों को हटाने के प्रति गंभीर नहीं है।


जी हाँ,भगवान बदरीविशाल के दर्शन के लिए देश और दुनियाभर से आने वाले श्रद्धालु अपनी श्रद्धा के अनुसार सोना, चांदी या पैसा चढ़ाते हैं। कुछ श्रद्धालु ऐसे भी होते हैं जो भगवान बदरीविशाल के नाम अपनी अचल संपत्ति कर देते हैं। भगवान बदरीविशाल के नाम महाराष्ट्र के मुरादनगर, हल्द्वानी, रामनगर, देहरादून, लखनऊ, चमोली, पांडुकेश्वर, बामणी आदि सहित कई स्थानों पर चढ़ावे में मिली जमीन है। इनमें से कुछ स्थानों पर लोगों ने अवैध कब्जे किए हुए हैं।


बता दें की श्री बदरी-केदार मंदिर समिति इन कब्जों को छुड़ाने के लिए न सिर्फ शासन-प्रशासन बल्कि कुछ मामलों में न्यायालय तक का दरवाजा खटखटा चुकी है।समिति के विधि अधिकारी शिशुपाल बतर्वाल बताते हैं कि महाराष्ट्र में जिस परिवार ने भगवान को जमीन चढ़ाई (दान की) बाद में उसी परिवार ने उस पर कब्जा कर लिया। लखनऊ वाली जमीन मंदिर समिति के पास है। रामनगर व देहरादून के डोभालवाला में बहुत पुराने कब्जे हैं। कुछ लोगों ने राजस्व विभाग के कर्मचारियों की मिलीभगत से इन जमीन को अपने नाम करवा लिया है।

वहीं रामनगर में 1948 में भूमि बंदोबस्त हुआ। किसी ने एक ट्रस्ट बनाकर यह जमीन उसके नाम कर दी। कुछ स्थानों पर जमीन का सीमांकन भी नहीं हो पाया है। देहरादून के डोभालवाला की जमीन के सीमांकन के लिए कई बार डीएम को लिखा, लेकिन सहयोग नहीं मिला। रामनगर में 26 नाली जमीन में मंदिर है। इसके लिए मुख्यमंत्री को पत्र लिखा गया है कि इसका प्रबंधन हमारे हाथ में दिया जाए। सरकार के साथ इसकी प्रक्रिया चल रही है।


दूसरी ओर महाराष्ट्र के मुरादनगर में 17 एकड़ भूमि है। इस भूमि पर एक परिवार का कब्जा है। इसके अलावा लखनऊ में 11020 वर्ग फीट पर जर्जर भवन है। इस संपत्ति से लगभग आठ सौ रुपये किराया मिल रहा है। उत्तराखंड के रामनगर में भूमि बंदोबस्त से पहले 42 बीघा जमीन श्री बदरीनाथ के नाम दर्ज थी। जिस पर लोगों ने अवैध कब्जा कर लिया है। देहरादून के खुडबुडा मोहल्ले में 72 मुट्ठी, कारगी में एक बीघा और कैनाल रोड में कुछ भूमि है। जिला प्रशासन देहरादून की ओर से इन भूमि के सत्यापन की कार्रवाई की जानी है जो लंबित है।

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दरअसल,श्री बदरीनाथ धाम में 112 नाली जमीन पर मंदिर, मकान व यात्री विश्राम गृह बना हुआ है। अन्य भूमि बंजर और खाली है। जिसका सीमांकन किया जाना है। श्री बदरी केदार मंदिर समिति की रिपोर्ट में कहा गया है कि बदरीनाथ में मास्टर प्लान के तहत भूमि का अधिग्रहण व भवनों को तोड़ा जा रहा है, लेकिन अन्य प्रभावितों की तरह मंदिर समिति को न तो मुआवजा दिया गया है न ही निर्माण के लिए अन्यत्र भूमि उपलब्ध कराई गई है।

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