खबर खेल जगत से।यह साल का वह समय है जब सभी 10 फ्रेंचाइजी अपनी रणनीतियों को सही साबित करने की कोशिश करती हैं और आईपीएल के एक नए सीजन की तैयारी करती हैं। आईपीएल 2023 दुनिया की सबसे लोकप्रिय टी20 लीग का 16वां सीजन होगा, लेकिन इसके शुरू होने से पहले टीमें खिलाड़ियों की नीलामी के लिए कोच्चि में इकट्ठा होंगी। पिछले साल का आईपीएल मेगा ऑक्शन सुपरहिट रहा था क्योंकि फ्रेंचाइजी को शुरुआत से अपनी टीम बनानी पड़ी थी। हालांकि, ये ऑक्शन भी कम महत्वपूर्ण नहीं होगा।
जी हाँ,इस बार मिनी ऑक्शन होना है जो एक दिन में खत्म हो जाएगा, लेकिन यह तय है कि रोमांच पिछली बार जैसा ही रहेगा। नीलामी शुरू होने से पहले हम आपको हर जानकारी दे रहे हैं। टीम पर्स से लेकर नए नियमों तक, एक फ्रेंचाइजी कितने स्लॉट भर सकती है, आप यहां नीलामी से जुड़ी हर जानकारी पढ़ सकते हैं।
गौरतलब है की पिछले साल जहां कुल 509 खिलाड़ी नीलामी में उतरे थे, इस साल 405 खिलाड़ी ऑक्शन में उतरेंगे। इनमें से 273 भारतीय हैं और शेष 132 विदेशी हैं। इनमें से चार एसोसिएट देशों से हैं। 119 कैप्ड क्रिकेटर हैं और अन्य 296 अनकैप्ड प्लेयर हैं। सभी 10 फ्रेंचाइजियों को मिलाकर कुल 87 स्लॉट भरे जाने हैं, जिनमें से 30 विदेशी खिलाड़ियों के लिए स्लॉट हैं।
क्या है आईपीएल नीलामी की प्रक्रिया?
सबसे पहले खिलाड़ी नीलामी में शामिल होने के लिए रजिस्ट्रेशन कराते हैं। इस बार 15 देशों के 991 खिलाड़ियों ने नीलामी के लिए अपना नाम दिया गया था। उनमें से फ्रेंचाइजियों ने 405 खिलाड़ियों को नीलामी के शॉर्टलिस्ट किया। इस तरह 405 खिलाड़ियों की किस्मत दांव पर होगी। बल्लेबाजों, गेंदबाजों, विकेटकीपर, ऑलराउंडर्स को अलग-अलग ग्रुप में रखा गया है। बारी-बारी से इन सब पर बोली लगेगी।
सोल्ड या अनसोल्ड खिलाड़ी कौन होते हैं?
वहीं नीलामीकर्ता खिलाड़ियों का नाम और उनका बेस प्राइस पुकारते हैं। इस पर फ्रेंचाइजी अपना पैडल उठाकर बोली लगाती हैं। जिन खिलाड़ियों के लिए कम से कम एक भी फ्रेंचाइजी ने पैडल उठाया होता है उन्हें ‘सोल्ड’ यानि बिका हुआ माना जाता है। एक खिलाड़ी के एक से अधिक फ्रेंचाइजी बोली लगा सकती है। जिसने सबसे अधिक रुपये की बोली लगाई होती है वह खिलाड़ी उस टीम का हो जाता है। अगर किसी खिलाड़ी के लिए कोई फ्रेंचाइजी पैडल नहीं उठाती है तो उन्होंने ‘अनसोल्ड’ यानी नहीं बिका हुआ माना जाता है।
कैप्ड और अनकैप्ड खिलाड़ी कौन होते हैं?
कैप्ड की श्रेणी में वे खिलाड़ी आते हैं जो अपने देश के लिए टेस्ट, वनडे या टी-20 मैच खेल चुके होते हैं। वहीं, अपने देश के लिए एक भी अंतरराष्ट्रीय मैच नहीं खेलने वाले खिलाड़ी को अनकैप्ड कहते हैं।
एक टीम में अधिकतम और न्यूनतम कितने खिलाड़ी हो सकते हैं?
एक टीम में अधिकतम 25 खिलाड़ी हो सकते हैं। जहां तक न्यूनतम खिलाड़ियों की बात है तो कम से कम 18 खिलाड़ी एक टीम में होने चाहिए।
एक टीम में कितने विदेशी खिलाड़ी होंगे?
बता दें की एक फ्रेंचाइजी अपने दल में कुल 25 खिलाड़ियों में ज्यादा से ज्यादा आठ विदेशियों को रख सकते हैं। प्लेइंग-11 में चार से ज्यादा विदेशी खिलाड़ी शामिल नहीं हो सकते हैं। कई टीमें तीन विदेशियों के साथ मैच में उतर चुकी हैं। इसका मतलब यह हुआ कि प्लेइंग-11 में चार से ज्यादा खिलाड़ी नहीं रख सकते हैं लेकिन चार से कम जरूर रख पाएंगे।
राइट टू मैच कार्ड क्या होता है? क्या इस बार उसका इस्तेमाल हो सकता है?
फ्रेंचाइजियों को राइट टू मैच कार्ड (आरटीएम) मिलता है। वे इसके जरिए अपने पुराने खिलाड़ियों को नीलामी के दौरान अपनी टीम में लाने में सफल होते हैं। उन्हें उस खिलाड़ी के लिए लगी उच्चतम बोली के बराबर कीमत देनी होती है। दुर्भाग्य से इस बार कोई भी टीमें राइट टू मैच कार्ड (आरटीएम) का इस्तेमाल नहीं कर सकती है।
अगर प्रत्येक फ्रेंचाइजी के पास बची हुई राशि की बात की जाए तो सभी 10 फ्रेंचाइजी संयुक्त रूप से नीलामी में 206.5 करोड़ रुपये खर्च कर सकती हैं, जिसमें से सनराइजर्स हैदराबाद के पास सबसे बड़ी राशि बची है और कोलकाता नाइट राइडर्स के पास सबसे कम। सभी फ्रेंचाइजी के पास बची राशि के बारे में जानते हैं।
चेन्नई सुपर किंग्स- 20.45 करोड़ रुपये
दिल्ली कैपिटल्स- 19.45 करोड़
गुजरात टाइटंस- 19.25 करोड़ रुपये
कोलकाता नाइटराइडर्स- 7.05 करोड़ रुपये
लखनऊ सुपरजाएंट्स- 23.35 करोड़ रुपये
मुंबई इंडियंस- 20.55 करोड़ रुपये
पंजाब किंग्स- 32.2 करोड़ रुपये
रॉयल चैलेंजर्स बैंगलोर- 8.75 करोड़ रुपये
राजस्थान रॉयल्स- 13.2 करोड़ रुपये
सनराइजर्स हैदराबाद- 42.25 करोड़ रुपये
खिलाड़ियों की बेस प्राइस कितनी होती है और कैसे तय की जाती है?
कैप्ड और अनकैप्ड खिलाड़ियों के लिए बेस प्राइस अलग-अलग होती है। अनकैप्ड खिलाड़ी के लिए तीन बेस प्राइस हैं। वे अपना रजिस्ट्रेशन 20, 30 और 40 लाख रुपये की श्रेणी में कर सकते हैं। कैप्ड खिलाड़ियों के लिए पांच अलग-अलग श्रेणियां बनी हुई हैं। वे अपना नाम 50 लाख, 70 लाख, एक करोड़, 1.5 करोड़ और दो करोड़ रुपये में रख सकते हैं। खिलाड़ी ही तय करते हैं कि उन्हें किस श्रेणी में अपना नाम देना है।
अगर नीलामकर्ता की बात की जाए तो ह्यू एडमीड्स नीलामीकर्ता होंगे, जिन्होंने 2018 में रिचर्ड मैडले से पदभार संभाला था। पिछली बार, दुर्भाग्य से, एडमीड्स मेगा नीलामी के पहले दिन बीच में ही गिर गए थे, जिसके बाद चारु शर्मा ने उनकी जगह ली थी। एडमीड्स ने खिलाड़ियों के अंतिम स्लॉट के लिए दूसरे दिन नीलामी में वापसी की थी।
नया ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम?
इस आईपीएल से ‘इम्पैक्ट प्लेयर’ नियम की शुरुआत होगी। इसके अनुसार हर बार से एक सब्सटिट्यूट प्लेयर आईपीएल मैच में अधिक सक्रिय भूमिका निभा सकेगा। हालांकि, बीसीसीआई की घोषणा के अनुसार, यह नियम केवल एक घरेलू खिलाड़ी पर ही लागू किया जा सकता है, अंतरराष्ट्रीय क्रिकेटर पर नहीं। हालांकि, अगर कोई टीम अपने प्लेइंग इलेवन में चार से कम विदेशी खिलाड़ियों को मैदान में उतारने का फैसला करती है, तो यह एक अपवाद बन सकता है। कप्तान के पास इम्पैक्ट प्लेयर की घोषणा करने का अधिकार होता है और ऐसा वह सिर्फ पारी की शुरुआत से पहले, एक ओवर पूरा होने के बाद, एक विकेट गिरने पर कार्रवाई में ला सकता है। इम्पैक्ट प्लेयर द्वारा रिप्लेस किया जाने वाला प्लेयर मैच में आगे कोई भूमिका नहीं निभाएगा।
आपको बता दें की अफगानिस्तान के दाएं हाथ के स्पिनर अल्लाह मोहम्मद गजानफर आईपीएल 2023 की नीलामी के लिए चुने जाने वाले सबसे कम उम्र के क्रिकेटर हैं। नीलामी में सबसे उम्रदराज खिलाड़ी भारत के अनुभवी स्पिनर अमित मिश्रा हैं। 40 साल के मिश्रा आईपीएल के इतिहास में तीन हैट्रिक लेने वाले इकलौते गेंदबाज हैं।
साइलेंट टाई-ब्रेकर क्या है?
यदि किसी खिलाड़ी को खरीदने के चक्कर में बोली लगाते-लगाते दो टीमों का पर्स समाप्त हो गया है और टाई हो गया है, तो दोनों फ्रेंचाइजी अंतिम बंद बोली राशि जमा कर सकती है और उच्च बोली वाली टीम जीत जाती है। अतिरिक्त राशि जमा की जाएगी, जो उनके पर्स से बाहर होगा।
क्या अनसोल्ड हुए खिलाड़ी बिक पाएंगे?
सबके मन में इस बात को लेकर एक धारणा रहती है कि अनसोल्ड रहने वाले खिलाड़ी दोबारा नहीं बिक सकते हैं। यह गलत है। दिन की नीलामी जब समाप्त होने वाली होती है तो ठीक पहले फ्रेंचाइजी अनसोल्ड रहने वाले कुछ खिलाड़ियों की सूची नीलामीकर्ता को सौंपती है। उन खिलाड़ियों का नाम फिर से पुकारा जाता है। टीमें अगर चाहे तो उन्हें खरीद सकती हैं।
एक्सलरेटेड ऑक्शन क्या है?
जो खिलाड़ी शुरुआती दौर में नहीं बिकते हैं, उनके पास एक्सलरेटेड ऑक्शन के दौरान चुने जाने का एक अंतिम मौका होगा। इसके लिए सभी फ्रेंचाइजी उन खिलाड़ियों की सूची तय करती हैं जिन्हें वे चाहते हैं और उन्हें नीलामकर्ता को सौंपती हैं। सूची में ऐसे खिलाड़ी शामिल होते हैं जिन्हें अभी तक ऑक्शन में नहीं लाया गया है या जो पहले बिना बिके रह गए थे।