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रांसी मनणी केदारनाथ ट्रैकिंग रूट पर महापंथ में 21 दिनों से ट्रैकर का शव बर्फ़ में दबा हुआ ज्यादा होने के कारण शव लेने गया हेलिकॉप्टर लैंड नहीं हो पा रहा था। आज बुधवार को फिर हेलिकॉप्टर रैकी के लिए पहुंचाया। जिला अधिकारी मयूर दीक्षित ने बताया कि शव लेने के लिए पिछले 4 दिन में दो बार हेलिकॉप्टर को शव लेने के लिए क्षेत्र से भेजा गया था, लेकिन बर्फ़ ज्यादा होने के कारण लैंड नहीं हो पा रहा था।

आपको बता दें कि बीते 2 अक्टूबर को रांसी गांव से दूर सदस्यीय ट्रैकिंग दल रांसी मनणी केदारनाथ रूट पर ट्रेनिंग के लिए गया था। दल में शामिल पश्चिम बंगाल निवासी आलोक विश्वास और विक्रम मजूमदार थकान के कारण मनणी के पास महापंथ में आगे नहीं जा सके और वहीं रुक गए।

दल में शामिल अन्य आठ लोग उसी रात केदारनाथ पहुँच गए थे। दल ने महापंथ के रुके साथियों को प्रशासन व पुलिस को कोई जानकारी नहीं दी। अक्टूबर को सुबह जिला आपदा प्रबंधन कार्यालय को सूचना मिली और रांसी मनणी केदारनाथ रूट पर दो ट्रैकर कर फंसे हैं, जिसमें से एक की तबियत खराब है।

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खराब मौसम होने के कारण भैरवनाथ मंदिर से लौटे
एनडीआरएफ व एसडीआरएफ की मदद से जिला आपदा प्रबंधन की टीम केदारनाथ से क्षेत्र के रवाना हुई, लेकिन खराब मौसम होने के कारण भैरवनाथ मंदिर से ही लौटना पड़ा। अगली सुबह 9 अक्टूबर को टीम दोबारा महापंथ के लिए रवाना हुई और मौके पर पहुंची जहाँ पर उन्हें आलोक विश्वास मृत मिला। विक्रम मजुमदार बहुत ही थका हुआ था, जिन्हें रेस्क्यू कर केदारनाथ लाया गया।

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