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टाइगर सफारी निर्माण धांधली मामले में एक साल बाद हुई पहली गिरफ़्तारी,जाने क्या है पूरा मामला

खबर उत्तराखंड में पाखरो टाइगर सफारी निर्माण मामले में धांधली से सम्बंधित है। धांधली के इस मामले में विजिलेंस की ओर से तत्कालीन रेंज ऑफिसर बृज बिहारी शर्मा की एक दिन पहले गिरफ्तारी हुई है, जबकि इससे पहले तत्कालीन मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक जेएस सुहाग का निलंबन और डीएफओ कालागढ़ पर नामजद रिपोर्ट दर्ज हो चुकी है।


इस मामले में खास बात यह है कि तीनों ही अधिकारी सेवानिवृत्त हो चुके हैं। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या जांच के दायरे में आए अन्य अधिकारियों पर भी रिटायरमेंट के बाद ही कार्रवाई होगी। इस मामले में फरवरी 2022 में वन मुख्यालय की ओर से गठित नोडल अधिकारी कपिल जोशी की अध्यक्षता में गठित पांच सदस्यीय कमेटी ने जो रिपोर्ट वन मुख्यालय को सौंपी थी, पिछले दिनों भारतीय वन सर्वेक्षण (एफएसआई) ने अपनी रिपोर्ट में उस पर मोहर लगा दी है।


बात साफ है की टाइगर सफारी के निर्माण में न केवल हरे भरे पेड़ पौधों का अवैध पतन हुआ बल्कि वित्तीय और प्रशासनिक अनुमति के तमाम निर्माण कार्य भी करा दिए।इसमें कालागढ़ से पाखरो कंडी रोड का निर्माण, पुलिस, कल्वर्ट निर्माण, मोरघट्टी में वन विश्राम गृह में भवनों का निर्माण आदि शामिल है। इस काम में कॉर्बेट फाउंडेशन और कैंपा फंड का पैसा भी बिना वित्तीय और प्रशासनिक स्वीकृति के खपाया गया।


वहीं नोडल अधिकारी कपिल जोशी की रिपोर्ट के मुताबिक इन तमाम अनियमितताओं का बिंदुवार ब्योरा दिया गया था। इतना ही नहीं तमाम वन अधिकारियों की भूमिका पर भी सवाल उठाए गए थे। इसके बाद एनटीसीए, केंद्र के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के क्षेत्रीय कार्यालय की ओर से भी टाइगर सफारी निर्माण में हुई धांधली पर रिपोर्ट प्रस्तुत की गई थी।


आपको बता दें की नैनीताल हाईकोर्ट ने भी इस मामले में संज्ञान लेते हुए रिपोर्ट मांगी थी। एक के बाद एक, अब तक इस मामले में राज्य, केंद्र और कोर्ट की कुल मिलाकर नौ एजेंसियां शामिल हो चुकी हैं। बावजूद इसके बात जांच से आगे नहीं बढ़ पा रही है। इस मामले में लिप्त अधिकारियों के अब भी कुर्सी पर जमे होने से शासन की मंशा पर भी अब सवाल उठने लगे हैं।

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वहीं वन प्रमुख आरके सुधांशु का कहना है की मामले में विभिन्न पहलुओं पर जांच जारी है। एफएसआई से भी कुछ बिंदुओं पर स्पष्टीकरण मांगा गया है। मैं इस बात को पहले भी कह चुका हूं और फिर दोहरा रहा हूं। इस मामले में शामिल किसी भी दोषी अधिकारी को बखशा नहीं जाएगा।

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