Doon Prime News
uttarakhand

डेढ़ महीने पहले रिजॉर्ट से लापता युवक का जंगल में मिला कंकाल,अब वनकर्मियों की गश्त को लेकर उठ रहे सवाल

इस वक़्त की बड़ी खबर यह है की डेढ़ महीने पहले क्यारी के एक रिजॉर्ट से लापता हुए झारखंड के पर्यटक का कंकाल बना शव वन कर्मियों को जंगल में मिला। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर परिजनों को सूचना दी है। शुक्रवार को कंकाल का पोस्टमार्टम होगा। पुलिस ने जांच शुरू कर दी है।


आपको बता दें की 38 वर्षीय सुनील टोयो पुत्र अंध्रेस टोयो निवासी गांव ललकाटोली, पाकरडाड जिला सिमडेगा झारखंड अगस्त में अपने दोस्तों के साथ रामनगर के क्यारी में एक रिजॉर्ट में आया था। 21 अगस्त की रात वह बिना बताए रिजॉर्ट से बैग उठाकर चला गया था, तब वह लापता चल रहा था। कोतवाल अरुण कुमार सैनी ने बताया कि क्यारी गांव के समीप असानी नाले से दो किमी दूर जंगल की पहाड़ी पर वन कर्मियों को पर्यटक का कंकाल मिला। कंकाल के बगल में बैग, मोबाइल और तंबाकू की पुड़िया मिली। पुलिस ने कंकाल मोर्चरी में रखवा दिया है। कोतवाल ने बताया कि मृतक पर्यटक दिमागी रूप से बीमार बताया जा रहा है।

बता दें की पर्यटक की गुमशुदगी हेमंत चांडवानी निवासी जयपुर राजस्थान ने कोतवाली में दर्ज कराई थी। हेमंत चांडवानी ने बताया कि वह एक आयुर्वेदिक कंपनी में काम करते है। आयुर्वेदिक कंपनी का टूर रामनगर आया था। टूर में सुनील टोयो भी साथ था। 21 अगस्त को वह रिजॉर्ट से लापता हो गया था। 23 अगस्त तक उसको तलाश किया।
वहीं रामनगर वन प्रभाग के देचारी रेंज के रेंजर ललित जोशी ने बताया कि जंगल में घास लेने गईं महिलाओं ने वन कर्मियों को सूचना दी थी। मौके पर पहुंचे वन कर्मियों ने पुलिस को सूचना दी। सीओ बलजीत सिंह भाकुनी ने बताया कि शुक्रवार को शव का पोस्टमार्टम कराया जाएगा। मृत पर्यटक के परिजनों को सूचना दे दी है। उनकी ओर से कोई तहरीर मिलेगी तो कार्रवाई की जाएगी।

यह भी पढ़े –विधानसभा अध्यक्ष अचानक पहुंची अनुभागों में दिए कार्यालय की व्यवस्थाओं को दिए दुरुस्त करने के निर्देश, अधिकारियों में मचा हड़कंप


एक महीने से पर्यटक का शव जंगल में था लेकिन वन कर्मियों को खबर तक नहीं लगी। इससे अब वन कर्मियों के गश्त की पोल खुलती हुई नज़र आ रही है।क्यारी गांव रामनगर वन प्रभाग और तराई पश्चिमी वन प्रभाग के क्षेत्र में आता है। डेढ़ महीने से पर्यटक का शव जंगल में पड़ रहा और वन कर्मियों को पता तक नहीं चला। ऐसे में अब यही सवाल उठता है कि वन कर्मी जंगल में गश्त करते है या नहीं?

Related posts

शोध में एक बार फिर पौष्टिकता में खरा उतरा बद्री गाय का दूध, दूध में भैंस के दूध के बराबर प्रोटीन तो वहीं मट्ठे में भी भरपूर कैल्शियम की बात आई सामने

doonprimenews

कर्नाटका के रामेश्वरम कैफ़े में हुआ आतंकी विस्फोट,9 लोग घायल

doonprimenews

एक बार फिर करवट बदल सकता है मौसम का मिजाज,27फरवरी से एक मार्च के बीच बारिश की संभावना

doonprimenews

Leave a Comment