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कबड्डी प्रतियोगिता में खिलाडियों को शौचालय में रखा गया भोजन परोसा, क्रिकेटर शिखर धवन ने बताया बेहद शर्मनाक की कड़ी कार्रवाई की मांग

सहारनपुर में आयोजित राज्य स्तरीय कबड्डी प्रतियोगिता में खिलाड़ियों को शौचालय में रखा भोजन परोसने की वीडियो वायरल होने के बाद भारतीय क्रिकेट टीम के ओपनर बल्लेबाज शिखर धवन ने इसे बेहद शर्मनाक करार दिया है। उन्होंने इस घटना के बारे में ट्वीट किया और लिखा कि राज्य स्तरीय टूर्नामेंट में कबड्डी खिलाड़ियों को शौचालय में खाना खाते हुए देखना बहुत निराशाजनक है। मैं अनुरोध करता हूं कि इस घटना की जांच करके इस पर आवश्यक कार्रवाई की जाए।

एकेएफआई ने झाड़ा पल्ला


वहीं दूसरी तरफ भारतीय एमेच्योर कबड्डी महासंघ (एकेएफआइ) द्वारा बुधवार को सहारनपुर के भीमराव आंबेडकर स्टेडियम में लड़कियों की सब-जूनियर कबड्डी प्रतियोगिता में खिलाडि़यों को शौचालय में रखे हुए खाने को खिलाने की घटना से पल्ला झाड़ते हुए कहा कि राष्ट्रीय संस्था इस टूर्नामेंट के आयोजन में किसी भी तरह शामिल नहीं थी। इस घटना का वीडियो वायरल होने के बाद उत्तर प्रदेश सरकार ने ढिलाई बरतने के आरोप में जिला खेल अधिकारी को निलंबित कर दिया और खाना उपलब्ध कराने वाले ठेकेदार को ‘ब्लैकलिस्ट’ कर दिया।दिल्ली उच्च न्यायालय द्वारा नियुक्त एकेएफआइ के प्रशासक एसपी गर्ग ने कहा की,’संघ की इस टूर्नामेंट में कोई भूमिका नहीं है। यह पूरी तरह से उत्तर प्रदेश सरकार से संबंधित टूर्नामेंट है। उन्होंने (आयोजकों ने) अपने इंतजाम खुद किए थे।’

हम किसी तरह से टूर्नामेंट के आयोजन में शामिल नहीं है -एकेएफआइ


जब यह प्रश्न पूछा गया कि राज्य स्तर का टूर्नामेंट राष्ट्रीय महासंघ की मंजूरी के बिना कैसे कराया जा सकता है तो उन्होंने कहा, ‘हम किसी भी तरह से टूर्नामेंट के आयोजन में शामिल नहीं हैं। हमारा कोई लेना देना नहीं है। हमें इस टूर्नामेंट के बारे में कोई जानकारी नहीं है।’ वहीं उत्तर प्रदेश कबड्डी संघ के सचिव राजेश कुमार ¨सह का कहना है कि टूर्नामेंट को एकेएफआइ या किसी अन्य राज्य इकाई द्वारा आधिकारिक मंजूरी नहीं दी गई थी। यह टूर्नामेंट सालाना ‘कैलेंडर’ में शामिल नहीं था। टूर्नामेंट राज्य सरकार के खेल विभाग द्वारा आयोजित किया गया था। हमारी भूमिका सिर्फ तकनीकी सहयोग कराने की थी। हमने टूर्नामेंट के आयोजन के लिए कुछ अधिकारियों और चयन समिति को भेजा था, इसके अलावा कुछ और नहीं। हमारे अपने राज्य स्तर के टूर्नामेंट जैसे ओपन चैंपियनशिप हैं। यह टूर्नामेंट (सहारनपुर में अंडर-16 बालिका टूर्नामेंट) हमारे सालाना ‘कैलेंडर’ में शामिल नहीं था। राज्य सरकार इस पर कड़ी कार्रवाई कर रही है और जांच समिति टूर्नामेंट में भाग लेने वाले अंडर-16 मंडल के प्रत्येक खिलाड़ी से प्रतिक्रिया लेगी।

जाँच में दर्ज़ किए गए खिलाडियों के बयान


आपको बता दें कि शौचालय में रखा भोजन परोसने की वीडियो वायरल होने के बाद से एडीएम-फाइनेंस ने अपनी जांच में खिलाड़ियों के बयान लिए। जांच में बयान देने के लिए पहुंचीं तीनों खिलाड़ियों राधिका, पारुल, राधा ने शौचालय में रखा भोजन परोसेने को निराधार बताया, कहा कि शौचालय में रखा भोजन नहीं परोसा गया, उन्होंने तो बाहर रखा भोजन खाया था। अंदर खराब चावल रखे थे। उन्हें कुछ लोगों ने ऐसा करने के लिए कहा था, इसके बाद उन्होंने अंदर खराब रखे चावलों को उठाया, इसकी वीडियो बनाकर वायरल कर दी गई। प्रशासन ने अपनी जांच में इनके बयान दर्ज कर लिए हैं। एडीएम फाइनेंस रजनीश मिश्र ने कहा कि बयान दर्ज कर लिए गए हैं। प्रारंभिक जांच में आरोप निराधार पाए गए हैं।

खराब चावलों को शौचालय के बाहरी हिस्से में रखवाया था -अनिमेष सक्सेना


बता दें की शौचालय में भोजन रखने का यह वीडियो 16 सितंबर का है। वायरल वीडियो में टॉयलेट में चावल और पूड़ियां रखी नजर आ रही हैं। इस पर खेल अधिकारी अनिमेष सक्सेना का कहना है कि बनाने के लिए आए चावल खराब निकल गए थे, इसलिए उन खराब चावलों को शौचालय के बाहरी हिस्से में रखवा दिया गया था, लेकिन वहां रखा गया खाना किसी को खिलाया नहीं गया। इसे लेकर जांच बिठा दी गई है। डीएम अखिलेश सिंह का कहना है कि एडीएम रजनीश मिश्रा जांच रिपोर्ट सौंपेंगे। इसके आधार पर आगे की कार्रवाई की जाएगी। खेल अधिकारी को सस्पेंड किया जा चुका है।

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