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इस वक्त की बड़ी खबर उत्तराखंड के देहरादून से आ रही है जहां डेंगू का प्रकोप बढ़ता हुआ दिखाई दे रहा है। जी हां बता दे कि देहरादून जिले में डेंगू के मरीजों की संख्या में लगातार वृद्धि होती जा रही है। शुक्रवार को जिले में पांच और मरीजों में डेंगू की पुष्टि हुई है। वहीं ऋषिकेश का चंद्रेश्वर नगर डेंगू का हॉटस्पॉट बना हुआ है। यहां अब तक डेंगू के 16 मरीज सामने आ चुके हैं।

43 मरीज़ों में हुई डेंगू की पुष्टि

आपको बता दें कि रंजना गुप्ता(28) निवासी कुमारबाड़ा, ऋषिकेश एसपीएस अस्पताल में भर्ती हैं। सुरक्षा( 30) और अबूजर( 7) निवासी रक्षा विहार अधोइवाला कोरोनेशन अस्पताल में भर्ती हैं। गौतम तनेजा (37) निवासी 23 इंदर रोड, मैक्स अस्पताल में भर्ती है तो वहीं भोपाल सिंह रावत (39 )निवासी डिब्बी बिहार कोरोनेशन भर्ती हैं। वहीं जिला वेक्टर जनित रोग अधिकारी सुभाष जोशी द्वारा बताया गया कि सभी रोगियों की स्थिति सामान्य है उनके क्षेत्रों में फागिंग और अन्य निरोधात्मक कार्रवाई की जा रही है। शुक्रवार तक 43 मरीजों में डेंगू की पुष्टि हो चुकी है। उन्होंने बताया कि सरकारी अस्पतालों में डेंगू की एलाइजा जांच निशुल्क होती है।

डेंगू के मरीज़ों को पड़ने लगी प्लेटलेट्स की जरूरत

वही डेंगू के कुछ मरीजों को प्लेटलेट्स की भी जरूरत पड़ने लगी है शहर के विभिन्न ब्लड बैंक में प्लेटलेट्स की मांग बढ़ रही है। फिलहाल स्थिति को नियंत्रण में बताया जा रहा है। राजकीय दून मेडिकल कॉलेज अस्पताल के ब्लड बैंक प्रभारी डॉ शशि उप्रेती द्वारा बताया गया कि प्लेटलेट्स की मांग आ रही है।फिलहाल ब्लड बैंक में मांग के अनुरूप प्लेटलेट्स का स्टॉक है।

काले व सफ़ेद रंग के होते हैं डेंगू के मच्छर
डॉक्टरों की अगर मानें तो डेंगू बुखार एडीज इजिप्टाई और एडीज एल्बोपिक्टस मादा मच्छर( टाइगर ) के काटने से फैलने वाला एक वायरल बुखार है। डेंगू मच्छर के शरीर पर काले व सफेद रंग की पट्टियां होती है। डॉक्टरों का कहना है कि यह ज्यादातर दिन में ही काटते हैं।एडीज मच्छर साफ व जमा पानी में पनपते हैं।ऐसे में ज्यादा दिनों तक पानी एकत्र ना होने दें।एडीज मच्छर बर्तन, पानी की टंकी, फूलदान, कूलर,टूटी-फूटी बोतलों, नारियल के खोल,गमले,टंकी के ढक्कन के किनारे,पुराने टायर,डिब्बे और पत्तियों आदि अगर 1 सप्ताह तक पानी रह गया तो उसमें पैदा हो जाते हैं। वहीं डॉ खन्ना द्वारा बताया गया कि ठंड लगने के साथ अचानक तेज बुखार, मांसपेशियों और जोड़ों में दर्द,आंखों के पिछले भाग में दर्द होना,अत्यधिक कमजोरी, भूख ना लगना, गले में दर्द,शरीर पर लाल चकत्ते साधारण डेंगू बुखार के लक्षण हैं।

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5 -7 दिन तक रहता है डेंगू का बुखार
यह लगभग 5 से 7 दिन तक रहता है।रोगी परहेज करें तो स्वयं ठीक हो जाता है।हेमरेजिक डेंगू बुखार में साधारण डेंगू बुखार के लक्षणों के साथ-साथ त्वचा पर गहरे नीले,काले रंग के छोटे या बड़े चकत्ते पड़ना, नाक व मसूड़ों से खून आना आदि रक्त स्राव के लक्षण है। वही डेंगू शॉक सिंड्रोम में हेमरेजिक बुखार के लक्षणों के साथ ज्यादा बेचैनी होती है,तेज बुखार के बावजूद त्वचा ठंडी महसूस होती है रोगी धीरे-धीरे होश खोने लगता है। नाड़ी तेज और कमजोर महसूस होती है रक्तचाप कम होने लगता है।
बता दें कि डॉक्टर सिद्धांत खन्ना ने कहा, साधारण डेंगू बुखार का उपचार लक्षणों के आधार पर ही किया जाता है बुखार के लिए पेरासिटामोल की गोली सही रहती है रोगी को आराम करना चाहिए,सामान्य रूप से भोजन दें और अधिक पानी पिलाएं।डेंगू हेमरेजिक बुखार,डेंगू शॉक सिंड्रोम के लक्षण हो तो अस्पताल में योग्य डॉक्टर को दिखाए बिना डॉक्टर के परामर्श के दवा बिल्कुल ना ले।

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