क्रिकेट भारत में ही नहीं पूरे विश्व में सबसे ज्यादा खेले जाने वाला खेल है।आपको बता दें कि क्रिकेट इतिहास में कई ऐसे महान खिलाड़ी है जिन्होंने एक खिलाड़ी के रूप में अपनी कभी न मिटने वाली छाप छोड़ी है। लेकिन कप्तानी के दौर में वह कामयाब नहीं हो पाते है।आज हम बात करने जा रहे हैं ऐसे ही कप्तानों के विषय में जो कप्तान के रूप में फेल साबित हुए हैं और यह मलाल उनके दिलों में हमेशा रहेगा। कप्तानों की लिस्ट में सबसे पहला नाम एंड्रयू फ्लिंटॉफ का है
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एंड्रयू फ्लिंटॉफ सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर का खिताब जीतने वाले खिलाड़ी हैं। अगर उनका करियर चोटों से प्रभावित ना होता तो वह अब तक तीन सर्वश्रेष्ठ ऑलराउंडर में से एक होते। फ्लिंटॉफ जब खेलते थे तो वे दो खिलाड़ियों का काम अकेले ही किया करते थे। लेकिन वे एक खराब कप्तान थे। बता दें कि इंग्लैंड के कप्तान के तौर पर उन्होंने 11 टेस्ट मैच खेले जिसमें से उन्हें सात मैच में हार का सामना करना पड़ा था तो वही दो मैच ड्रॉ हो गए थे। उनके द्वारा केवल दो मैचों में ही जीत हासिल की गई थी इसी बेकार रिकॉर्ड के साथ उन्होंने अपनी कप्तानी का सफर खत्म किया था।
वही खराब कप्तान की सूची में दूसरा नाम हिथ स्ट्रीक का है। बता दे की हिथ एक शानदार तेज गेंदबाज थे और उपयोगी हीटर भी थे। इतिहास में हिथ में खुद को जिंबाब्वे के सर्वश्रेष्ठ गेंदबाज के रूप में स्थापित किया है। स्ट्रीक ने 2000 से 2004 तक 68 वनडे अंतरराष्ट्रीय मैचों में जिंबाब्वे की कप्तानी की लेकिन उनकी कप्तानी के दौरान जिंबाब्वे को 47 मैचों में हार का सामना करना पड़ा और सिर्फ अट्ठारह में ही जीत हासिल करी गई। आंकड़े जिस हिसाब से बताए गए हैं उस दौरान जिंबाब्वे इतनी खराब टीम नहीं थी लेकिन कहीं ना कहीं स्ट्रीक की कप्तानी जिंबाब्वे को भाई नहीं और हार का सामना करना पड़ा।
वहीं तीसरा नाम इस सूची में ब्रायन लारा का है. जिन के विषय में आज हर बच्चा बात करता है। ब्रायन लारा एक महान खिलाड़ी होने के साथ-साथ प्रेरणा के स्रोत भी है। उन्होंने अपने समय में युवा खिलाड़ियों को खेलने के लिए प्रेरित किया था. यदि सचिन तेंदुलकर ना होते तो शायद आज ब्रायन लारा को ही सभी अपने समय का सबसे महान बल्लेबाज कहते हैं। लेकिन जब उन्होंने वेस्टइंडीज की कप्तानी संभाली तो टीम संभल ना सकी. उन्होंने 47 टेस्ट मैचों में कप्तानी की और इस दौरान केवल 21. 27% की ही जीत हासिल की। यानी कि टीम द्वारा केवल 10 मैच जीत गए और 26 मैचों में हार का सामना करना पड़ा। दुख की बात यह रही कि उन्होंने टेस्ट मैच में एक बल्लेबाज के तौर पर काफी अच्छा प्रदर्शन किया लेकिन कप्तानी करने में पीछे रह गए।
वही इस सूची में चौथा नाम क्रिस गेल का आता है। क्रिस गेल के लिए कप्तान के रूप में लारा की जगह लेना कभी आसान था ही नहीं लेकिन उनकी शानदार बल्लेबाजी के चलते वेस्टइंडीज ने यह सोच लिया था कि उनके नेतृत्व में टीम और ज्यादा आक्रामक रूप अपना सकती है। लारा की तुलना में गेल का कप्तानी का ट्रैक रिकॉर्ड बहुत ही खराब रहा गेल की कप्तानी में वेस्टइंडीज ने 56 मैच खेले जिसमें केवल 17 मैचों में ही जीत हासिल की और 30 मैचों में हार का सामना करना पड़ा।
इस सूची में मास्टर ब्लास्टर कहे जाने वाले सचिन तेंदुलकर का है। सचिन तेंदुलकर एक समय हुआ करता था जब टीम इंडिया के कप्तान थे लेकिन उनकी कप्तानी कभी भी किसी को पसंद नहीं आई। सचिन तेंदुलकर अपने दो कार्यकाल के दौरान भारत के कप्तान रहे। उन्होंने कप्तानी की शुरुआत 1996से करी थी लेकिन उस समय उन्होंने बहुत कम समय के लिए कप्तानी करी थी। जब सचिन का दूसरा कार्यकाल शुरू हुआ तो वह भी काफी खराब था जिसके चलते उन्हें कप्तान के तौर पर अपना पद छोड़ना पड़ा.
सचिन तेंडुलकर ने 25 टेस्ट मैचों में भारत की कप्तानी करी थी जिनमें केवल 4 ही मैच में जीत हासिल की गई। तो वही 73 वनडे मैच खेले गए थे जिसमें 23 में ही जीत हासिल हुई थी। यह आंकड़ा यह बताने के लिए काफी है कि भले ही सचिन एक अच्छे बल्लेबाज जरूर रहे होंगे लेकिन कप्तान के तौर पर वे फ्लॉप साबित हुए हैं.