दिल्ली में केंद्र सरकार, राज्य सरकार और एशियन विकास बैंक (एडीबी) के बीच 2,447 करोड़ की शहरी विकास परियोजनाओं के लिए समझौता हुआ। यह अनुबंध बुधवार को साइन किया गया, जिससे प्रदेश में कई महत्वपूर्ण विकास कार्यों की नींव रखी गई। एडीबी ने पहले ही इन परियोजनाओं के वित्तीय सहयोग की मंजूरी दी थी, और जल्द ही इन परियोजनाओं का कार्य शुरू होने की उम्मीद है। उत्तराखंड शहरी क्षेत्र विकास एजेंसी (यूयूएसडीए) के प्रोजेक्ट डायरेक्टर चंद्रेश कुमार ने बताया कि इन योजनाओं का उद्देश्य राज्य में पेयजल और सीवरेज सुविधाओं का विस्तार करना है।
विभिन्न शहरों में लागू होने वाली योजनाएं और उनका बजट
– कोटद्वार पेयजल योजना: 373 करोड़
– चंपावत पेयजल योजना : 240 करोड़-किच्छा पेयजल आपूर्ति योजना : 463.24 करोड़
– विकासनगर पेयजल और सीवरेज योजना : 509.84 करोड़
– हल्द्वानी आईटी प्रबंधन प्रणाली : 400 करोड़
– हल्द्वानी शहरी गतिशीलता योजना : 268 करोड़
परियोजनाओं का विवरण
1. हल्द्वानी:
– नगरीय गतिशीलता के तहत सार्वजनिक परिवहन और प्रशासनिक भवनों का निर्माण होगा।
2. चंपावत पेयजल योजना:
– 160 किमी पेयजल नेटवर्क का निर्माण, जिससे 4523 घरों को पेयजल कनेक्शन मिलेगा।
– 2900 किलोलीटर की क्षमता वाले चार जलाशयों का निर्माण होगा, और 3.5 एमएलडी का शोधन संयंत्र स्थापित किया जाएगा।
कोटद्वार पेयजल योजना:
– 330 किमी का पेयजल नेटवर्क बिछाया जाएगा, जिससे 22,196 घरों को कनेक्शन मिलेगा।
– 4000 किलोलीटर की क्षमता के लिए जलाशयों और नलकूपों का निर्माण होगा।
4. किच्छा पेयजल आपूर्ति योजना:
– 402 किमी पेयजल नेटवर्क बिछाकर 20,000 घरों को कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे।
– 6800 किलोलीटर की क्षमता के चार जलाशयों और नलकूपों का निर्माण किया जाएगा
5. विकासनगर पेयजल और सीवरेज योजना:
– 131 किमी का पेयजल नेटवर्क बिछाया जाएगा, जिससे 9400 घरों को पानी मिलेगा।
– 58 किमी सीवरेज नेटवर्क का निर्माण, जिससे 10,098 सीवरेज कनेक्शन प्रदान किए जाएंगे।
– 7.5 एमएलडी की क्षमता वाले सीवेज शोधन संयंत्र की स्थापना की जाएगी।
परियोजनाओं का उद्देश्य
इन योजनाओं के माध्यम से उत्तराखंड के शहरी क्षेत्रों में जल और सीवरेज जैसी बुनियादी आवश्यकताओं को पूरा किया जाएगा।
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