उत्तराखंड में 12 जनवरी को राष्ट्रीय युवा दिवस के अवसर पर राज्य की युवा नीति को युवाओं को समर्पित किया जाएगा। युवा कल्याण मंत्री रेखा आर्या ने घोषणा की कि इस नीति में विशेष रूप से पहाड़ और बॉर्डर क्षेत्रों में निवास करने वाले युवाओं की आवश्यकताओं और चुनौतियों पर ध्यान दिया जा रहा है। नीति का उद्देश्य इन क्षेत्रों के युवकों और युवतियों की भौगोलिक, सामाजिक, और आर्थिक जरूरतों के अनुरूप समाधान उपलब्ध कराना है।
जेंडर बजट का प्रावधान: नारी शक्ति के सशक्तिकरण की दिशा में कदम
राज्य के बॉर्डर और आपदा प्रभावित क्षेत्रों में रहने वाली 15 से 29 वर्ष आयु वर्ग की युवतियों को आर्थिक सहयोग प्रदान करने के उद्देश्य से युवा नीति में जेंडर बजट का प्रावधान रखा गया है। इस प्रावधान के तहत पहाड़ी क्षेत्रों की युवतियों को स्वरोजगार और अन्य योजनाओं के माध्यम से रोजगार और आर्थिक विकास के अवसर उपलब्ध करवाए जाएंगे, जिससे कि पलायन पर रोक लगाई जा सके और स्थानीय युवतियां आत्मनिर्भर बन सकें।
युवक-युवतियों की विशिष्ट आवश्यकताओं का होगा ध्यानयुवा नीति में नीति निर्धारण के दौरान इस बात का विशेष ध्यान रखा जा रहा है कि युवक-युवतियों की आवश्यकताएं भिन्न होती हैं। पहाड़ और बॉर्डर एरिया में रहने वाली युवतियां, दूर-दराज क्षेत्रों में जाकर आवास और परिवहन का खर्च उठाने में सक्षम नहीं होतीं। इसके अतिरिक्त, जनजातियों से जुड़े युवा, वन राजि जनजाति के युवक-युवतियां, और अनुसूचित जाति-जनजाति के युवा भी अपने विशिष्ट सामाजिक-आर्थिक जरूरतों के कारण अलग तरीके से ध्यान देने योग्य हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए उचित नीति का निर्माण किया जा रहा है।
सर्वेक्षण और सुझावों के आधार पर होगी नीति तैयार
युवा कल्याण विभाग की टीम द्वारा विभिन्न क्षेत्रों में सर्वेक्षण कर, खासकर नारी शक्ति की आवश्यकताओं को समझा जा रहा है। इसके साथ ही संबंधित मुद्दों पर सवाल-जवाब की एक सूची भी तैयार की जा रही है ताकि सही निष्कर्ष पर पहुंचा जा सके। इस प्रक्रिया में क्षेत्रीय भौगोलिक परिस्थितियों और सामाजिक चुनौतियों का ध्यान रखा गया है। मंत्री रेखा आर्या के अनुसार, इस सर्वेक्षण और सुझावों के आधार पर नीति के मसौदे में जेंडर बजट को शामिल किया जाएगा।
कैबिनेट में होगा पेश और अंतिम रूप से लागू होगी नीति
विभागीय टीम नियोजन विभाग के साथ मिलकर युवा नीति के मसौदे को अंतिम रूप देने में जुटी है। उम्मीद है कि अगले दो महीनों में इस नीति को कैबिनेट में पेश कर दिया जाएगा और इसे अंतिम मंजूरी मिल जाएगी। 12 जनवरी को इस नीति को राज्य के युवाओं को समर्पित किया जाएगा।