देहरादून।उत्तराखंड परिवहन विभाग ने अवैध रूप से संचालित डग्गामार बसों के खिलाफ सख्त कदम उठाते हुए देहरादून, हरिद्वार, रुड़की और ऋषिकेश में बड़े पैमाने पर अभियान चलाया। इस अभियान में 50 बसों का चालान किया गया, जबकि 9 बसों को सीज कर दिया गया। ये बसें नियमों का उल्लंघन कर संचालित हो रही थीं और इन पर लाखों रुपये का टैक्स बकाया था। इस कार्रवाई के बाद डग्गामार बस संचालकों में हड़कंप मच गया है।
ताबड़तोड़ अभियान से मची हलचल
परिवहन सचिव बृजेश संत के निर्देश पर शनिवार रात से रविवार शाम तक यह व्यापक अभियान चलाया गया। प्रदेशभर में अवैध बसों और बिना अनुमति चल रहे यात्री एवं मालवाहक वाहनों के खिलाफ कार्रवाई की गई। इस दौरान कुल 181 बसों का चालान किया गया और 15 बसों को सीज कर लिया गया। देहरादून के आइएसबीटी के पास चेकिंग से बचने के लिए चार डग्गामार बसों के चालक-परिचालक बसों को छोड़कर फरार हो गए। इन बसों को भी लावारिस स्थिति में पकड़कर उनका चालान किया गया।
रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के बाद विशेष अभियान का आदेश
हाल ही में रोडवेज कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान सचिव परिवहन ने आरटीओ प्रवर्तन को 15 दिनों का विशेष अभियान चलाकर अवैध बसों पर सख्त कार्रवाई करने का निर्देश दिया था। इसी आदेश के तहत चारों शहरों—देहरादून, हरिद्वार, रुड़की और ऋषिकेश में आरटीओ की टीमें सक्रिय हुईं और एक साथ कार्रवाई को अंजाम दिया। इस अचानक की गई कार्रवाई से अवैध बस संचालकों में अफरातफरी मच गई।
बसें बगैर परमिट और बीमे के चल रही थीं
अधिकारियों के मुताबिक पकड़ी गईं अधिकतर डीलक्स बसें न केवल अवैध रूप से यात्री ढो रही थीं, बल्कि इनमें परिवहन नियमों का भी खुला उल्लंघन किया जा रहा था। कई बसों के चेसिस अनुमत सीमा से बड़े पाए गए और उनमें सीटों की संख्या भी अधिक थी। साथ ही, कई बसों में बीमा और परमिट से जुड़े दस्तावेज नहीं मिले। ये बसें मुख्य रूप से देहरादून, हरिद्वार और ऋषिकेश से दिल्ली, आगरा, जयपुर, लखनऊ और कानपुर जैसी जगहों के लिए चलाई जा रही थीं। इनके संचालन से राज्य को टैक्स के रूप में करोड़ों रुपये का नुकसान हो रहा था। अवैध बस संचालक ऑनलाइन बुकिंग के माध्यम से भी नियमों का उल्लंघन कर रहे थे, जिससे विभाग की परेशानी और बढ़ गई।
विधायक ने जताई नाराजगी, मुख्यमंत्री ने दिए कार्रवाई के निर्देश
रविवार को देहरादून आइएसबीटी में आयोजित एक कार्यक्रम के दौरान धर्मपुर के विधायक विनोद चमोली ने डग्गामार बसों के संचालन पर नाराजगी व्यक्त की। उन्होंने मुख्यमंत्री की उपस्थिति में सवाल उठाते हुए पूछा कि आखिर ये अवैध बसें खुलेआम कैसे चल रही हैं। इस पर मुख्यमंत्री ने भी परिवहन विभाग को कड़े कदम उठाने का आदेश दिया।
यात्रियों ने किया हंगामा
अधिकांश सीज की गईं बसें स्लीपर थीं, जो आगरा, जयपुर और लखनऊ जैसी दूरस्थ जगहों के लिए चल रही थीं। जब अधिकारियों ने इन बसों में यात्रा कर रहे यात्रियों को नीचे उतारा, तो उन्होंने नाराजगी जाहिर की। यात्रियों का कहना था कि वे स्लीपर बसों में सफर करना पसंद करते हैं क्योंकि वे सोते हुए आराम से यात्रा कर सकते हैं। कुछ यात्रियों ने रोडवेज की बसों में स्लीपर सुविधा न होने का भी मुद्दा उठाया। परिवहन विभाग के अधिकारियों ने यात्रियों को शांत कराने के बाद रोडवेज की बसें मंगवाईं और यात्रियों को उनके गंतव्य के लिए रवाना किया।
इस कार्रवाई के बाद परिवहन विभाग ने स्पष्ट कर दिया है कि नियमों का उल्लंघन करने वाले किसी भी वाहन को बख्शा नहीं जाएगा। यह अभियान अगले कुछ दिनों तक और तेज किया जाएगा, जिससे प्रदेश में अवैध बसों का संचालन पूरी तरह से रोका जा सके।
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