उत्तराखंड परिवहन निगम को साढ़े चार साल के लंबे इंतजार के बाद आखिरकार नई बसें मिलनी शुरू हो गई हैं। निगम ने टाटा मोटर्स को 130 बीएस-6 डीजल बसों का ऑर्डर दिया था, जिनका निर्माण गोवा स्थित प्लांट में किया गया। ये बसें मुख्य रूप से पर्वतीय मार्गों पर चलेंगी। वहीं, निगम दिल्ली मार्ग के लिए 175 नई सीएनजी बसें खरीदने की योजना पिछले एक साल से बना रहा है, लेकिन अब तक इस दिशा में ठोस कदम नहीं उठाए गए हैं।
नई बीएस-6 बसों की आपूर्ति शुरू
बुधवार से उत्तराखंड परिवहन निगम को 130 नई बीएस-6 डीजल बसों की आपूर्ति शुरू हो गई है। महाप्रबंधक (संचालन) सीपी कपूर के अनुसार, 15 अक्टूबर तक सभी बसें निगम को सौंप दी जाएंगी। ये बसें प्रदेश के 13 डिपो में भेजी जाएंगी, जिनमें अधिकांश बसों का संचालन पर्वतीय मार्गों पर किया जाएगा।
दो साल से चल रही खरीद प्रक्रिया
पर्वतीय मार्गों के लिए इन बसों की खरीद प्रक्रिया सितंबर 2022 में शुरू की गई थी, जो अब जाकर पूरी हो रही है। पर्वतीय मार्गों पर पहले निगम 34 सीटों वाली बसें चलाता था, लेकिन अब सड़क चौड़ीकरण के बाद 38 सीटों वाली बसों का संचालन किया जाएगा। यह पहली बार नहीं है जब निगम ने इतनी बड़ी संख्या में बसें खरीदी हैं। इससे पहले दिसंबर 2019 और जनवरी 2020 में 330 नई बसों की खरीद की गई थी, लेकिन उसके बाद से अब तक निगम ने कोई नई बस नहीं खरीदी थी।
घाटे के बावजूद बसों की कमी
हालांकि सरकार घाटे की भरपाई करती है, फिर भी परिवहन निगम पर्वतीय मार्गों पर पर्याप्त संख्या में बसों का संचालन नहीं कर पा रहा था। सरकार द्वारा सितंबर 2022 में नई बसों की खरीद को मंजूरी दिए जाने के बावजूद, निगम प्रबंधन ने इस प्रक्रिया को पूरा करने में दो साल का समय लगा दिया।
दिल्ली मार्ग के लिए नई सीएनजी बसों का इंतजार
दिल्ली में प्रदूषण के बढ़ते स्तर के कारण डीजल बसों के प्रवेश पर प्रतिबंध की संभावनाओं के चलते उत्तराखंड परिवहन निगम को दिसंबर तक की राहत मिली है। वर्तमान में निगम दिल्ली मार्ग पर 540 बसें चला रहा है, जिनमें 170 अनुबंधित सीएनजी बसें शामिल हैं। बाकी 370 बसें बीएस-4 डीजल हैं, जिन्हें 31 मार्च 2024 के बाद दिल्ली में चलने की अनुमति नहीं होगी। दिल्ली सरकार ने चेतावनी दी है कि दिसंबर तक नई सीएनजी बसों का अधिग्रहण कर लिया जाए, अन्यथा निगम की बसों को दिल्ली में प्रवेश की अनुमति नहीं दी जाएगी। हालांकि, पिछले एक साल से निगम 175 नई सीएनजी बसें खरीदने की योजना बना रहा है, लेकिन अब तक प्रक्रिया शुरू नहीं हुई है। इनमें से 75 बसें निगम खुद खरीदेगा, जबकि 100 अनुबंध के आधार पर चलाई जाएंगी।