देहरादून नगर निगम का नया बोर्ड आज शाम पांच बजे औपचारिक रूप से अस्तित्व में आ जाएगा। महापौर समेत 100 पार्षद अपने पद एवं गोपनीयता की शपथ लेंगे। इसके साथ ही नए बोर्ड का कार्यकाल शुरू हो जाएगा। नगर निगम प्रशासन ने शपथ ग्रहण समारोह की सभी तैयारियां पूरी कर ली हैं। हालांकि, बोर्ड के समक्ष सफाई व्यवस्था, स्ट्रीट लाइट सुधार और राजस्व वृद्धि जैसी कई अहम चुनौतियां भी खड़ी हैं।


शहर की सरकार की ताजपोशी के लिए मंच तैयार

नगर निगम में शपथ ग्रहण समारोह को लेकर विशेष तैयारियां की गई हैं। गुरुवार शाम तक टेंट, साफ-सफाई और सजावट का कार्य पूरा कर लिया गया था। गढ़वाल कमिश्नर विनय शंकर पांडेय और मुख्यमंत्री समेत अन्य वीआईपी मेहमान इस कार्यक्रम में शामिल होंगे। नगर आयुक्त नमामी बंसल ने स्वयं तैयारियों का जायजा लिया और सभी व्यवस्थाओं को अंतिम रूप दिया।


शपथ ग्रहण पर 12-15 लाख रुपये का खर्च

इस बार शपथ ग्रहण समारोह पर अनुमानित 12 से 15 लाख रुपये खर्च होने की संभावना है, जो पिछले कार्यकाल की तुलना में लगभग दोगुना है। पिछली बार यह खर्च लगभग 8 लाख रुपये था। नगर निगम की आठ टीमें पूरे दिन निमंत्रण पत्रों को वितरित करने और वीआईपी मेहमानों को सूचना देने में लगी रहीं।


शपथ के बाद पहली बोर्ड बैठक

शपथ ग्रहण के तुरंत बाद नए बोर्ड की पहली औपचारिक बैठक आयोजित की जाएगी। इस बैठक में सभी पार्षदों का परिचय होगा और आगे की रणनीति पर चर्चा की जाएगी। नगर निगम को शहर के समग्र विकास के लिए कई योजनाओं को धरातल पर उतारने की चुनौती का सामना करना होगा।


नए बोर्ड के सामने प्रमुख चुनौतियां

1. कूड़ा प्रबंधन और सफाई व्यवस्था

देहरादून में कूड़ा निस्तारण एक गंभीर समस्या है। नगर निगम को सुनिश्चित करना होगा कि घर-घर से कूड़ा उठाने की व्यवस्था सुचारू रूप से हो और सार्वजनिक स्थान कूड़ा मुक्त रहें। ट्रांसफर स्टेशन और निस्तारण प्लांट का विस्तार एवं सुदृढ़ीकरण करना प्राथमिकता होगी।

2. फुटपाथ और सड़कों पर अतिक्रमण

शहर की सड़कों पर बढ़ता अतिक्रमण यातायात जाम का प्रमुख कारण है। नगर निगम को सख्त अभियान चलाकर अतिक्रमण हटाना होगा और इसे दोबारा न होने देने के लिए प्रभावी उपाय करने होंगे। पार्किंग स्थलों की कमी भी बड़ी चुनौती है, जिसे हल करने की आवश्यकता है।

3. जल निकासी और बाढ़ प्रबंधन

बरसात के मौसम में देहरादून की जलभराव की समस्या विकराल हो जाती है। पुराने और जाम नालों की सफाई, जल निकासी प्रणाली का विस्तार और अवैध निर्माणों को हटाना नगर निगम के लिए अहम कार्य होगा।


इन विकास योजनाओं को मूर्त रूप देने की जरूरत

  • रोड स्वीपिंग मशीनों की खरीद
  • शीशमबाड़ा कचरा निस्तारण केंद्र का अपग्रेडेशन
  • मैकेनाइज्ड ट्रांसफर स्टेशन की स्थापना
  • स्मार्ट वेंडिंग जोन एवं फूड कोर्ट का निर्माण
  • पर्यटन को बढ़ावा देने के लिए मिनी तालाबों का सौंदर्यीकरण
  • साइकिल ट्रैक के निर्माण की योजना

शहर में बुनियादी सुविधाओं का अभाव

  • सार्वजनिक शौचालयों की कमी
  • पर्याप्त पार्क, खेल मैदान और सामुदायिक केंद्रों का अभाव
  • फल-सब्जी विक्रेताओं के लिए वेंडिंग जोन का न होना
  • व्यस्त क्षेत्रों में वाहन पार्किंग की समुचित सुविधा न होना

समस्याओं के समाधान के लिए जरूरी ठोस कदम

नए बोर्ड को इन चुनौतियों से निपटने के लिए एक स्पष्ट कार्ययोजना बनानी होगी। सफाई व्यवस्था को तकनीकी रूप से सशक्त बनाना, अतिक्रमण हटाने के लिए कड़े कदम उठाना और स्मार्ट सिटी प्रोजेक्ट्स को तेज गति से लागू करना आवश्यक होगा।

अब देखना होगा कि नवनिर्वाचित बोर्ड इन योजनाओं को कितनी जल्दी और प्रभावी रूप से लागू कर पाता है।

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