उत्तराखंड के विभिन्न इलाकों में भारी बारिश के कारण जन-जीवन पूरी तरह अस्त व्यस्त हो गया है और भूस्खलन की घटनाएं बढ़ गई हैं। टिहरी के तिनगढ़ गांव में भूस्खलनशनिवार को टिहरी के तिनगढ़ गांव में फिर से भूस्खलन हुआ, जिसमें 15 आवासीय मकान मलबे में दब गए। हालांकि प्रशासन ने सुबह ही इन घरों को खाली करा लिया था, जिसके कारण कोई हताहत नहीं हुआ। प्रभावित ग्रामीणों को विनकखाल इंटर कॉलेज में शिफ्ट किया गया है। डीएम मयूर दीक्षित ने बताया कि आपदा को देखते हुए भिलंगना ब्लॉक के आंगनबाड़ी केंद्रों और कक्षा एक से 12वीं तक के सभी स्कूल सोमवार, मंगलवार और बुधवार तक बंद रहेंगे। उत्तराकाशी में भी आपदा का कहरग्राम पंचायत भंगेली के गुणगा गांव में अतिवृष्टि के कारण गांव के संपर्क मार्ग, दो पुलिया, और पेयजल लाइन पूरी तरह क्षतिग्रस्त हो गई हैं। ग्राम प्रधान प्रवीन प्रज्ञान ने कहा कि रात एक बजे के करीब आकाशीय बिजली की तेज गर्जना हुई, जिसके बाद एक छोटे नाले ने नदी का रूप ले लिया और गांव की परिसंपत्तियों का काफी नुकसान हुआ। सूचना आपदा विभाग एसडीएम, डीएम और क्षेत्रीय विधायक को दी गई है। भिलंगना ब्लॉक में मां-बेटी की मौतशनिवार को ही टिहरी के भिलंगना ब्लॉक के तोली गांव में भूस्खलन की चपेट में आए एक मकान के अंदर मां और बेटी दब गईं, जिससे उनकी मौत हो गई। परिवार के अन्य सदस्य किसी तरह बाहर भाग कर जान बचाने में सफल रहे। ग्राम प्रधान रमेश जिरवाड़ ने बताया कि रात को ढाई बजे जमकर बारिश हुई, जिससे वीरेंद्र लाल का मकान भूस्खलन की चपेट में आ गया। सरिता देवी और उनकी बेटी अंकिता मलबे में दब गईं, जिनका शव रेस्क्यू अभियान के दौरान बरामद किया गया। जौनपुर ब्लॉक में 33 केवी का विद्युत सब स्टेशन ठपटिहरी जिले के जौनपुर ब्लॉक के थत्यूड़ में 33 केवी विद्युत सब स्टेशन में भारी मलबा भर गया है, जिससे ट्रांसफार्मर दब गए हैं और विद्युत आपूर्ति पूरी तरह बाधित हो गई है।
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बूढ़ाकेदार क्षेत्र में धर्मगंगा नदी के उफान पर आने से मां-बेटी नदी के तेज बहाव में बह गए। थानाध्यक्ष संजीव थपलियाल ने बताया कि नदी के किनारे उनकी तलाशी की गई, लेकिन अभी तक पता नहीं चल पाया है।