नई तिथि जल्द जारी होगी
श्री देव सुमन विश्वविद्यालय से संबद्ध सभी राजकीय स्नातकोत्तर महाविद्यालयों में इन दिनों एमए तृतीय सेमेस्टर की परीक्षाएं आयोजित की जा रही हैं। लेकिन हाल ही में हुए अंग्रेजी विषय की परीक्षा में विश्वविद्यालय की बड़ी लापरवाही देखने को मिली। परीक्षा के दौरान प्रश्नपत्र के दोनों भागों में एक जैसे सवाल होने के कारण परीक्षा को बीच में ही रद्द करना पड़ा। अब इस परीक्षा की नई तिथि जल्द ही घोषित की जाएगी।
गड़बड़ी का खुलासा और परीक्षा रद्द करने का फैसला
7 दिसंबर को आयोजित अंग्रेजी (लिटरेरी क्रिटिसिज्म-1) की परीक्षा में यह चूक सामने आई। प्रश्नपत्र के भाग-ए और भाग-बी में एक जैसे प्रश्न शामिल थे। दो घंटे तक परीक्षा चलने के बाद विवि प्रशासन को यह गलती समझ में आई और परीक्षा को रद्द कर दिया गया। इस लापरवाही का मुख्य कारण प्रश्नपत्र तैयार करने में तकनीकी खामी और विवि की अनदेखी बताया जा रहा है।
तकनीकी खामी या प्रशासनिक लापरवाही?
विवि के परीक्षा नियंत्रक प्रो. सीएस नेगी ने बताया कि प्रश्नपत्र तैयार करने के दौरान सॉफ्टवेयर में तकनीकी समस्या के कारण दोनों भागों में समान प्रश्न प्रिंट हो गए। हालांकि, प्रश्नपत्र बनाते समय दोनों भागों के प्रश्न अलग-अलग थे। छात्रों के हितों को देखते हुए परीक्षा रद्द करने का निर्णय लिया गया, ताकि परिणाम पर कोई नकारात्मक प्रभाव न पड़े।
छात्रों का विरोध और विवि पर सवाल
छात्रों ने विवि की इस लापरवाही पर कड़ा विरोध जताया है। छात्र संघ अध्यक्ष आदित्य कंडारी ने विवि प्रशासन की लगातार होने वाली गलतियों को छात्रों के लिए परेशानियों का कारण बताया। उन्होंने कहा कि परीक्षा परिणाम, प्रश्नपत्र और प्रवेश प्रक्रिया में बार-बार गड़बड़ी हो रही है, जिसका खामियाजा छात्रों को भुगतना पड़ रहा है।
छात्र आदर्श राठौर ने भी विवि प्रशासन को आड़े हाथों लेते हुए कहा कि यह कोई पहली बार नहीं है। इससे पहले उत्तर पुस्तिकाओं के मूल्यांकन में भी गंभीर लापरवाही सामने आई थी। कई गलत उत्तरों पर अंक दे दिए गए, जबकि सही उत्तरों का मूल्यांकन ही नहीं हुआ।
अधूरी तैयारियों में हुई परीक्षा
विवि प्रतिनिधि मनीष रावत ने बताया कि हाल ही में प्रवेश प्रक्रिया पूरी होने के बाद तुरंत परीक्षा शुरू कर दी गई। इससे छात्रों को पढ़ाई के लिए पर्याप्त समय नहीं मिला। सेमेस्टर पाठ्यक्रम भी अधूरा रहा। इस संबंध में कई बार विवि प्रशासन को ज्ञापन सौंपा गया, लेकिन उनकी समस्याओं को लगातार अनदेखा किया गया।
छात्रों की मांग
छात्रों का कहना है कि विवि को प्रश्नपत्र तैयार करने की प्रक्रिया में सुधार लाना चाहिए और ऐसे अधिकारियों पर कार्रवाई करनी चाहिए जो इस तरह की गंभीर लापरवाहियों के लिए जिम्मेदार हैं। साथ ही, परीक्षा से पहले छात्रों को तैयारी के लिए पर्याप्त समय और सुविधाएं प्रदान की जानी चाहिए।
यह मामला एक बार फिर विश्वविद्यालय प्रशासन की कार्यशैली और छात्रों के प्रति उनकी गंभीरता पर सवाल खड़े करता है। अब यह देखना होगा कि विवि प्रशासन आगे की प्रक्रिया को कैसे संभालता है और छात्रों के भरोसे को फिर से कैसे जीतता है।
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