देहरादून में जिलाधिकारी के निर्देश पर 10 करोड़ रुपये के बकायेदार संजीव थपलियाल के खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। उन पर राज्य सरकार के साथ धोखाधड़ी, राजस्व वसूली में बाधा डालने, चेक बाउंस और सरकारी कार्य में रुकावट पैदा करने जैसे गंभीर आरोप लगाए गए हैं। मामला उस समय सामने आया जब कुर्क की गई अचल संपत्ति की सार्वजनिक नीलामी के दौरान धोखाधड़ी की घटना घटी।
नीलामी प्रक्रिया में धोखाधड़ी का खुलासा
तहसील सदर कार्यालय में मौजा चक अजबपुर कला के चार खसरा नंबरों की कुल 0.1472 हेक्टेयर भूमि की सार्वजनिक नीलामी की गई थी। इस नीलामी में चार बोलीदाता – सौरभ ममगाई, नीरज सिंह नेगी, गोपाल दत्त भारद्वाज और संजीव थपलियाल ने भाग लिया। नीलामी के दौरान शर्तों को सभी बोलीदाताओं के सामने पढ़ा गया और प्रक्रिया पूरी पारदर्शिता के साथ संपन्न हुई।
सबसे ऊंची बोली 10 करोड़ रुपये की थी, जिसे संजीव थपलियाल ने लगाई। नीलामी की शर्तों के अनुसार, उन्हें उसी दिन बोली राशि का 25% यानी 2.5 करोड़ रुपये तहसीलदार के पक्ष में चेक के रूप में जमा करना था। थपलियाल ने यह चेक तुरंत उपलब्ध कराया, लेकिन बाद में जानबूझकर उसका भुगतान रोक दिया।
राज्य सरकार को राजस्व वसूली में बाधा
संजीव थपलियाल द्वारा चेक भुगतान रोकने के कारण राज्य सरकार की राजस्व वसूली प्रक्रिया बाधित हुई। जांच में पता चला कि यह कदम एक सोची-समझी साजिश का हिस्सा था। पहले नीलामी में भाग लेकर संपत्ति अपने नाम कराई गई और फिर चेक का भुगतान रोककर राज्य सरकार को धोखा दिया गया।
जिलाधिकारी और एसडीएम की सख्त कार्रवाई
जिलाधिकारी सविन बंसल ने मामले को गंभीरता से लेते हुए जिले के सभी एसडीएम और तहसीलदारों को बड़े बकायेदारों के खिलाफ कार्रवाई तेज करने के निर्देश दिए हैं। एसडीएम सदर कुमकुम जोशी ने बताया कि संजीव थपलियाल के खिलाफ राजस्व वसूली में बाधा डालने, धोखाधड़ी और सरकारी कार्य में रुकावट पैदा करने के आरोप में मामला दर्ज किया गया है।
राजस्व वसूली में तेजी
जिलाधिकारी ने कहा कि जिले में बड़े बकायेदारों की संपत्तियों की कुर्की और नीलामी की प्रक्रिया तेजी से की जा रही है। राज्य हित में राजस्व संग्रह सुनिश्चित करने के लिए संबंधित अधिकारियों को कड़ी कार्रवाई के निर्देश दिए गए हैं।
यह भी पढें- उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने हरिद्वार में किया जूनियर नेशनल कबड्डी चैंपियनशिप का उद्घाटन