सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता मंत्रालय ने उत्तराखंड में पांच जिलों में तीन प्रमुख योजनाओं का सोशल ऑडिट करने का लक्ष्य निर्धारित किया है। इन योजनाओं में दसवीं से पहले और बाद में दी जाने वाली छात्रवृत्ति, प्रधानमंत्री आदर्श ग्राम योजना, और नशा मुक्ति केंद्र शामिल हैं।
मंत्रालय द्वारा जारी निर्देशों के अनुसार, चंपावत, चमोली, बागेश्वर, उत्तरकाशी और रुद्रप्रयाग जिलों में इन योजनाओं का ऑडिट किया जाएगा। इस प्रक्रिया का उद्देश्य योजनाओं की पारदर्शिता और प्रभावशीलता सुनिश्चित करना है।
ऑडिट का जिम्मा ग्राम्य विकास विभाग के अंतर्गत आने वाले सामाजिक अंकेक्षण, जवाबदेही और पारदर्शिता अभिकरण को सौंपा गया है। जल्द ही विभागीय स्तर पर एक बैठक आयोजित कर सोशल ऑडिट की विस्तृत कार्ययोजना तैयार की जाएगी।
यह पहल समाज कल्याण विभाग के तहत संचालित योजनाओं की वास्तविक स्थिति और उनके प्रभाव का आकलन करने के लिए की जा रही है। सोशल ऑडिट से इन योजनाओं में सुधार और लोगों तक उनके लाभ को प्रभावी ढंग से पहुंचाने में मदद मिलेगी।