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कमाऊं की जेलों से 255 अपराधी पैरोल के बाद नहीं लौटे, पुलिस जुटी खोजबीन में

पिछले छह वर्षों में कुमाऊं मंडल की चार प्रमुख जेलों से पैरोल पर छोड़े गए दो हजार से अधिक बंदियों और कैदियों में से 255 अब भी फरार हैं। हत्या, लूट, और चोरी जैसे गंभीर अपराधों में संलिप्त ये अपराधी जेल प्रशासन की ओर से कई बार नोटिस जारी होने के बावजूद वापस नहीं लौटे हैं। अब जेल प्रशासन ने इन फरार अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस की मदद लेने का निर्णय लिया है। हल्द्वानी, नैनीताल, अल्मोड़ा और सितारगंज जेलों से पैरोल पर छोड़े गए इन 255 अपराधियों की सूची पुलिस को सौंपी जा चुकी है, और अब पुलिस इनकी तलाश में जुटी है।

पैरोल और फरलो के नियम

जेल प्रशासन के अनुसार, बंदियों और कैदियों को पैरोल अधिकतम एक महीने के लिए दी जाती है, जबकि फरलो, जो लंबी सजा के दौरान दिया जाता है, 14 दिनों तक सीमित होता है। यह सुविधा किसी विशिष्ट कारण, जैसे परिवार में मृत्यु या नजदीकी रिश्तेदार की शादी, के आधार पर प्रदान की जाती है। पैरोल की मंजूरी राज्य सरकार या जिला मजिस्ट्रेट द्वारा दी जाती है।

फरार अपराधियों की संख्या और अपराध

पिछले छह सालों में कुमाऊं क्षेत्र की चार जेलों से दो हजार से अधिक बंदियों को पैरोल पर छोड़ा गया था, जिनमें से अधिकांश समय पर लौट आए। लेकिन, 255 ऐसे अपराधी हैं, जिन्होंने लौटने की आवश्यकता को अनदेखा कर दिया। इनमें हत्या, लूट और चोरी जैसे गंभीर मामलों के आरोपी शामिल हैं। यह मामला देहरादून के जेल मुख्यालय तक पहुंच चुका है, और अधिकारियों ने इस पर सख्त रुख अपनाया है। जेल प्रशासन को निर्देश दिए गए हैं कि वे फरार अपराधियों की सूची बनाकर पुलिस को सौंपें ताकि जल्द से जल्द उन्हें गिरफ्तार किया जा सके।

जेलों में बंदियों की संख्या

हल्द्वानी की उपकारागार में 1400 से अधिक बंदी और कैदी हैं, जबकि नैनीताल जिला कारागार में 800 से अधिक कैदी मौजूद हैं। सितारगंज की सेंट्रल जेल में लगभग दो हजार से अधिक कैदी हैं, और अल्मोड़ा जेल में बंदियों की संख्या करीब एक हजार है।

कोरोना काल से फरार अधिकांश अपराधी

फरार हुए अधिकांश अपराधी 2019-20 के कोरोना काल में छोड़े गए थे। उस समय महामारी के फैलने के डर से अदालती आदेश पर बंदियों को तीन महीने की पैरोल दी गई थी। बाद में इस अवधि को कई बार बढ़ाया गया, लेकिन अब तक 255 अपराधी वापस नहीं लौटे हैं।

फरार अपराधियों का विवरण

– नैनीताल: 40 अपराधी

– अल्मोड़ा: 50 अपराधी

– हल्द्वानी: 85 अपराधी

– सितारगंज: 80 अपराधी

इन फरार अपराधियों की धरपकड़ के लिए पुलिस और जेल प्रशासन अब मिलकर काम कर रहे हैं, ताकि उन्हें जल्द से जल्द वापस जेल में लाया जा सके।

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