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उत्तराखंड के गढ़वाल क्षेत्र में वन्यजीव संरक्षण कानूनों का उल्लंघन करते हुए घुरड़ (हिरण की संकटग्रस्त प्रजाति) के अवैध शिकार का एक बड़ा मामला सामने आया है। यह घटना गढ़वाल वन प्रभाग के नागदेव रेंज अंतर्गत पौड़ी मुख्यालय के समीप गडोली स्टेट की है, जहां वन विभाग को गुप्त सूचना मिलने के बाद अवैध शिकार की पुष्टि हुई। इस छापेमारी के दौरान वन विभाग की टीम ने एक आरोपी के घर से फ्रिज में रखे हुए 5 किलो मांस बरामद किया, साथ ही खुर और खाल भी पाई गई, जिससे स्पष्ट होता है कि घुरड़ का शिकार किया गया था। सूचना मिलने पर नागदेव रेंज के वन क्षेत्राधिकारी दिनेश चंद्र नौटियाल के नेतृत्व में वन विभाग की एक टीम को तुरंत मौके पर भेजा गया। टीम ने गडोली निवासी आरोपी विजय दनोसी के घर पर छापा मारा, जहां से घुरड़ का मांस और अन्य अवशेष बरामद हुए। इस दौरान टीम ने दो आरोपियों, साजिद खान उर्फ राजीव (निवासी गडोली) और तुला बहादुर (नेपाली मूल के और गडोली में निवासरत), को मौके पर ही गिरफ्तार कर लिया। हालांकि, विजय दनोसी और प्रमोद भंडारी (निवासी सैणीखाल) नामक दो अन्य आरोपी मौके से फरार हो गए। सभी आरोपियों के खिलाफ वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत मामला दर्ज किया गया है और फरार आरोपियों की तलाश जारी है। वन विभाग ने बरामद मांस, खाल और खुर के सैंपल लेकर उन्हें विस्तृत जांच के लिए देहरादून स्थित वन अनुसंधान संस्थान भेज दिया है। रिपोर्ट आने के बाद विभाग आगे की कार्रवाई करेगा। घुरड़, जो हिरण की संकटग्रस्त श्रेणी में आता है, का शिकार भारत में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम के तहत सख्त रूप से प्रतिबंधित है, और ऐसा करने पर गंभीर कानूनी कार्रवाई का प्रावधान है। इस मामले ने वन्यजीव संरक्षण के प्रति स्थानीय जागरूकता और सतर्कता की आवश्यकता पर भी बल दिया है, क्योंकि घुरड़ जैसी प्रजातियां विलुप्ति की कगार पर हैं। वन्यजीवों के अवैध शिकार से न केवल पारिस्थितिकी तंत्र को गंभीर क्षति पहुंचती है, बल्कि यह वन्यजीव संरक्षण कानूनों का गंभीर उल्लंघन भी है, जिसके खिलाफ कड़ी सजा का प्रावधान है। वन विभाग इस दिशा में सतर्कता और कड़ी निगरानी के साथ काम कर रहा है ताकि इस प्रकार की घटनाओं पर रोक लगाई जा सके।इस पूरे घटनाक्रम में वन विभाग की त्वरित कार्रवाई और आरोपियों की गिरफ्तारी ने इस बात की ओर इशारा किया है कि वन्यजीव संरक्षण को लेकर विभाग काफी सजग है। फरार आरोपियों की गिरफ्तारी के लिए तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है, ताकि सभी दोषियों को कानून के कठघरे में लाया जा सके।

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