चिकित्सकों की सलाह पर प्रमिला को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। यहां उन्हें करीब आठ बोतल खून भी चढ़ाया गया। जैसे हीऑपरेशन शुरू किया तो तेजी से रक्तस्राव होने लगा। जब खून बहना बंद नहीं हुआ तो चिकित्सक ने ऑपरेशन के बीच में ही महिला के परिजनों को उसे हायर सेंटर रेफर ले जाने को कहा।पेट दर्द से जूझ रही एक महिला को शनिवार को जिला अस्पताल में ऑपरेशन के दौरान तेजी से रक्तस्राव होने लगा। आनन-फानन में महिला को हेली एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश रेफर कर दिया गया। परिजनों की मांग पर ऑपरेशन कर रहे डॉ. नीरज पिमोली को भी मरीज के साथ एम्स भेज दिया गया है।

जोशीमठ विकास खंड के पोखनी गांव की प्रमिला देवी (36) पत्नी बाल सिंह राणा को लंबे समय से पेट दर्द की शिकायत थी। बीते जुलाई में उन्होंने जिला चिकित्सालय में स्वास्थ्य परीक्षण करवाया था। अल्ट्रासाउंड की रिपोर्ट में बच्चेदानी में सूजन और ट्यूमर होने की बात सामने आई। चिकित्सकों की सलाह पर प्रमिला को अस्पताल में भर्ती करा दिया गया। यहां उन्हें करीब आठ बोतल खून भी चढ़ाया गया।शनिवार को डॉ. पिमोली ने जैसे ही ऑपरेशन शुरू किया तो तेजी से रक्तस्राव होने लगा। जब खून बहना बंद नहीं हुआ तो चिकित्सक ने ऑपरेशन के बीच में ही महिला के परिजनों को उसे हायर सेंटर रेफर ले जाने को कहा। जिसके बाद ग्राम प्रधान संदीप भंडारी ने राज्यसभा सांसद महेंद्र भट्ट और जिलाधिकारी से हेली एंबुलेंस की मांग की।

दोपहर 3:30 बजे महिला को हेली एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया है।इस मामले में जिला अस्पताल प्रशासन को महिला के परिजनों का आक्रोश भी झेलना पड़ा। उन्होंने आरोेप लगाया कि जब अस्पताल में चिकित्सकों की कमी थी, तो ऑपरेशन के लिए क्यों कहा गया। समय रहते अगर उनके मरीज को रेफर कर दिया जाता तो यह नौबत नहीं आती। महिला के पेट में बच्चेदानी के पास ट्यूमर था।

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ऑपरेशन के दौरान देखने को मिला कि ट्यूमर से बहुत अधिक रक्तस्राव हो रहा है। यदि इसे छेड़ते तो मरीज की जान को खतरा हो सकता था। जिस कारण मरीज को हेली एंबुलेंस से एम्स ऋषिकेश भेज दिया गया है।

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