बड़ी खबर आज की जहाँ उत्तराखंड में पिछले एक वर्ष में बेरोजगारी की दर 3.5 प्रतिशत घटी है। वर्ष 2021-22 में बेरोजगारी की दर 8.4 प्रतिशत थी, जो वर्ष 2022-23 में घटकर 4.9 प्रतिशत रह गई है। रोजगार के अवसरों में वृद्धि हुई है। विशेष रूप से महिलाओं की भागीदारी अच्छी-खासी बढ़ी है।


जी हाँ,पुष्कर सिंह धामी सरकार के लिए आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (पीएलएफएस) के आंकड़े राहत बंधाने वाले हैं। राष्ट्रीय सांख्यिकी कार्यालय (एनएसओ) श्रमिकों की स्थिति को समझने के लिए निश्चित समयांतराल में यह सर्वेक्षण कराता है।


दरअसल,पीएलएफस ने हाल ही में राज्यवार आंकड़े जारी किए हैं। इसमें प्रदेश में रोजगार मिलने के मामले में बड़ा सुधार देखने को मिला है। साथ में रोजगार के अवसर बढ़ाने के लिए धामी सरकार के प्रयासों को भी बल मिला है। विभिन्न स्तर पर रोजगार के अवसर तेजी से बढ़े हैं।


बता दें की उत्तराखंड में विशेष रूप से औद्योगिक निवेश, प्राथमिक क्षेत्र एवं सेवा क्षेत्र को प्रोत्साहित करने को उठाए गए सरकार के कदमों रोजगार की नई संभावनाओं को खोल रहे हैं। वर्ष 2021-22 में उत्तराखंड में श्रम बल की भागीदारी 55.9 प्रतिशत थी। वर्ष 2022-23 में 4.2 प्रतिशत वृद्धि के साथ यह 60.1 प्रतिशत पहुंच गई।


वहीं महिलाओं के संबंध में यह आंकड़ा प्रदेश के लिए सुखद है। वर्ष 2021-22 में प्रदेश में महिला श्रम बल की भागीदारी 34.6 प्रतिशत थी। एक वर्ष में यानी वर्ष 2022-23 में यह बढ़कर 41.1 प्रतिशत हो गई। इसमें भी 6.5 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

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धामी सरकार के लिए संतोषजनक यह भी है कि शहरों के साथ ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। वित्तीय वर्ष 2023-24 में निवेशक सम्मेलन का आयोजन किया गया है। प्रदेश सरकार पूंजी निवेश के प्रस्तावों को धरातल पर उतारने में जुटी है।

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