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देश के लोक सेवा प्रसारकप्रसार भारती के कर्मचारियोंव अधिकारियोंने उनके साथ एक कटऑफ डेट 5 अक्टूबर 2007 के आधार पर हो रहे भेदभाव को दूर करने के लिए आज देशव्यापी शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया। यह प्रदर्शन राजधानी देहरादून में प्रसार भारती परिसर में किया 1:15 बजे किया गया। प्रदेश की राजधानी देहरादून के अलावा दिल्ली, मुंबई, कोलकाता, चेन्नई, लखनऊ, बेंगलुरू, जयपुर, गुवाहाटी, हैदराबाद, अहमदाबाद, पटना, चंडीगढ़, रायपुर, अगरतला, भोपाल, रांची व शिमला सहित देश के कई शहरों में आकाशवाणी व दूरदर्शन के कार्यालयों के सामने यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन हुआ।

प्रसार भारती के प्रोग्राम, इंजीनियरिंग व एडमिन कर्मचारियों के विभिन्न संगठनों द्वारा बनाए गए एक संयुक्त मंच, जॉइन्ट एक्शन फोरम फॉर प्रसार भारती एम्प्लॉईस ने यह प्रदर्शन किया। जॉइन्ट एक्शन फोरम फॉर प्रसार भारती एम्प्लॉईस ने 5 अक्टूबर की तारीख को काला दिवस के रूप में भी मनाने की घोषणा की क्योंकि इसी तारीख के बाद चयनित हुए कर्मचारियों के साथ प्रसार भारती भेदभावपूर्ण रवैया अपना रही है।

इस प्रदर्शन में देश भर में सैकड़ों की संख्या में प्रसार भारती के कर्मचारी व अधिकारी अपनी मांगों को लेकर शामिल हुए। प्रदर्शन कर रहे कर्मचारियों की कई मांगें रहीं, जिसमें समान काम के लिए समान वेतन, प्रमोशन और बेहतर स्वास्थ्य सुविधा के लिए भारत सरकार की केंद्रीय कर्मियों को मिलने वाली केंद्रीय सरकारी स्वास्थ्य योजना (सीजीएचएस) का लाभप्रमुख है।  

गौरतलब है कि प्रसार भारती के एक कर्मचारी ज्योति प्रकाश त्रिवेदी की पिछले महीने उपयुक्त स्वास्थ्य सुविधाएँ न मिलने से कैंसर से मौत हो गई थी। जिसकी वजह से बेहतर स्वास्थ्य सुविधाओं, फॅमिली पेंशन व अन्य मांगों को लेकर प्रसार भारती के कर्मचारियों ने प्रसार भारती सचिवालय के समक्ष 19 सितंबर को शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया था।अपनी माँगों को पूरा होते न देख प्रसार भारती कर्मचारियों ने आज दोबारा देशव्यापी शांतिपूर्ण प्रदर्शन किया।


एसोसिएशन ऑफ प्रसार भारती इंजीनियरिंग एम्प्लॉइज़ के अध्यक्ष हरि प्रताप गौतम ने कहा, ‘‘प्रसार भारती के कर्मचारियों के इलाज की कोई ठोस व्यवस्था नहीं है।प्रसार भारती से हमारी मांग है कि कर्मचारियों के लिए सीजीएचएस का लाभ, ग्रुप इन्श्योरेन्स, फॅमिली पेंशन, समान पद- समान वेतन व समय से पदोन्नति सहित अन्य लाभ हमें भी दिया जाए।’’ 


हरि प्रताप गौतम ने यह भी आरोप लगाया कि, प्रसार भारती ने वर्ष 2019 में केंद्र सरकार द्वारा घोषित नए पेंशन स्कीम में एमप्लॉयर द्वारा दिए जाने वाले 14 प्रतिशत अंशदान को अभी तक देना नहीं शुरू किया है। उन्होनें माँग रखी कि प्रसार भारती को हर महीने 14 प्रतिशत पेंशन राशि का अंशदान कर्मचारियों के पेंशन फंड में जमा कराना चाहिए।


प्रसार भारती के अंतर्गत दूरदर्शन और आकाशवाणीआते हैं। यहाँदो तरह के सरकारी कर्मचारी काम करते हैं। जिनमें एक वो हैं, जो 5 अक्टूबर, 2007 से पहले चयनित हुए और दूसरे वो जो इस तारीख के बाद चयनित हुए।  


प्रदर्शन में भाग ले रहे एक अन्य संगठन एसोसिएशन ऑफ प्रोग्राम ऑफिसर्स के अध्यक्ष मोहन कुमार यादव का आरोप है कि 5 अक्टूबर, 2007के बाद चयनित हुएकर्मचारियों के साथ प्रसार भारती भेदभाव कर रही है। उनका कहना है कि, “हमारे साथ शोषण इस तारीख से ही है। इसकी वजह से सिर्फ स्वास्थ्य सुविधाएं ही नहीं, बल्कि अन्य सुविधाएं भी हमें नहीं मिलती हैं।जैसे एक ही पोस्ट पर दो लोग काम करते हैं, लेकिन उनकी सैलरी ज़्यादा हैं, हमारी कम।“


इस प्रदर्शन में भाग ले रहे एक अन्य संगठन प्रसार भारती प्रोग्राम एम्प्लॉईस वेलफेयर एसोसिएशन के अध्यक्ष शिवम शिवहरे ने बताया कि “5 अक्टूबर 2007के पहले चयनित हुए कर्मचारियों का प्रमोशन समय से हो रहा है जबकि इस तारीख के बाद चयनित हुए कर्मचारियों का प्रमोशननहीं हो रहा है।“


ज्ञातव्य है कि प्रसार भारती एक स्वायत्त इकाई के रूप में 23 नवंबर, 1997 को अस्तित्व में आया। इसके अस्तित्व में आने के बाद प्रसार भारती को अपने कर्मचारियों के लिए अलग से व्यवस्था बनानी थी।साल 2012 में प्रसार भारती एक्ट में संसोधन किया गया। इस संशोधन के साथ ही मंत्रिसमूह का एक फैसला लागू हुआ। जिसमें फैसला लिया गया कि 5 अक्टूबर, 2007 से पहले जो कर्मचारी यहां काम कर रहे थे, वो भारत सरकार के और उसके बाद आने वाले कर्मचारी प्रसार भारती के कर्मचारी माने जाएंगे।इस तरह यहाँ दो तरह के सरकारी कर्मचारी काम करने लगे। एक केंद्रीय कर्मचारी और दूसरे प्रसार भारती केकर्मचारी।


उल्लेखनीय है कि 5 अक्टूबर, 2007 के बाद भर्ती हुए कमर्चारियों की संख्या लगभग2600 हैं।ये तमाम कर्मचारी प्रसार भारती द्वारा किए जा रहे भेदभाव से परेशान हैं। प्रदर्शन के बाद कर्मचारियों ने अपनी माँगों को लेकर दिल्ली में मुख्य कार्यकारी अधिकारी प्रसार भारती और देश भर में दूरदर्शन और आकाशवाणी के केंद्राध्यक्षों को एक ज्ञापन भी सौंपा।

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