प्रदेश में निकाय चुनाव की मतगणना पूरी हो चुकी है। 54 मतगणना केंद्रों पर 6366 कर्मियों की तैनाती के साथ प्रक्रिया को अंजाम दिया गया। परिणामों में भाजपा ने बड़ी बढ़त बनाते हुए 11 नगर निगमों में से 10 पर कब्जा किया। एक नगर निगम निर्दलीय प्रत्याशी के खाते में गया। यहां जानिए पूरे चुनावी परिणाम और घटनाक्रम का विवरण:
भाजपा के मेयर प्रत्याशियों की जीत
- अल्मोड़ा: भाजपा के अजय वर्मा ने शानदार जीत दर्ज की।
- हल्द्वानी: भाजपा के गजराज बिष्ट ने जीत हासिल की।
- पिथौरागढ़: भाजपा की कल्पना देवलाल विजयी रहीं।
- देहरादून: भाजपा के सौरव थपलियाल ने 1,05,295 वोटों से बड़ी जीत दर्ज की।
- कोटद्वार: भाजपा के शैलेंद्र सिंह रावत ने 13,000 से अधिक वोटों से जीत दर्ज की।
- रुद्रपुर: भाजपा के विकास शर्मा विजयी रहे।
- ऋषिकेश: भाजपा के शंभू पासवान ने निकटतम प्रतिद्वंदी को हराया।
- काशीपुर: भाजपा के दीपक बाली ने जीत हासिल की।
- रुड़की: भाजपा की अनिता देवी अग्रवाल ने जीत दर्ज की।
- हरिद्वार: भाजपा की किरण जैसल विजयी रहीं।
निर्दलीय प्रत्याशी ने मारी बाजी
- श्रीनगर: निर्दलीय आरती भंडारी ने भाजपा और कांग्रेस दोनों को पछाड़ते हुए जीत दर्ज की।
मतगणना के दौरान हंगामा और विवाद
ऋषिकेश:
ऋषिकेश नगर निगम में मतगणना के दौरान भाजपा के शंभू पासवान ने पांचवें राउंड तक 3605 वोटों की बढ़त बनाई। यह सीट त्रिकोणीय मुकाबले का केंद्र रही, जिसमें भाजपा, कांग्रेस और निर्दलीय प्रत्याशी आमने-सामने थे।
हरिद्वार:
हरिद्वार नगर निगम के वार्ड नंबर 33 में कांग्रेस प्रत्याशी सुनील कुमार की जीत के बाद पुनः मतगणना को लेकर विवाद हुआ। कांग्रेसियों ने आरोप लगाया कि तीन बार गिनती के बावजूद उन्हें प्रमाण पत्र नहीं दिया गया। इस मुद्दे पर स्थानीय प्रशासन और पुलिस के खिलाफ जमकर नारेबाजी हुई।
पथराव और धांधली के आरोप:
कोटद्वार में मतगणना के दौरान धांधली के आरोप लगाते हुए प्रदर्शन हुआ। स्थानीय विधायक और कैबिनेट मंत्री प्रेमचंद अग्रवाल के खिलाफ नारेबाजी हुई। प्रदर्शनकारियों ने बैरिकेड्स तोड़ने की कोशिश की, जिसके बाद पुलिस ने लाठीचार्ज किया।
भाजपा का बढ़त वाला प्रदर्शन
अब तक के परिणामों में भाजपा ने 11 में से 10 नगर निगमों पर कब्जा जमाया। हरिद्वार, काशीपुर, रुड़की, रुद्रपुर, ऋषिकेश और देहरादून में भाजपा ने निर्णायक बढ़त बनाई।
भाजपा की सफलता के मुख्य कारण
- संगठित चुनाव प्रचार और मजबूत रणनीति।
- स्थानीय विकास कार्यों का प्रभाव।
- कांग्रेस और अन्य दलों में आपसी खींचतान।
निष्कर्ष
उत्तराखंड के निकाय चुनावों में भाजपा ने एक बार फिर अपनी पकड़ मजबूत साबित की। मतगणना के दौरान हुए विवाद और हंगामे ने भी चुनावी प्रक्रिया को सुर्खियों में ला दिया। भाजपा के लिए यह जीत आगामी विधानसभा चुनावों के लिए सकारात्मक संकेत है।