सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण के प्रति सरकार की प्रतिबद्धता को रेखांकित करते हुए उत्तराखंड के सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने उपनल (उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम) के 21वें स्थापना दिवस समारोह में कई महत्वपूर्ण घोषणाएँ कीं। मंत्री ने कहा कि उपनल न केवल पूर्व सैनिकों, बल्कि वीर नारियों एवं उनके आश्रितों को भी रोजगार उपलब्ध कराने में अहम भूमिका निभा रहा है। इस दौरान उन्होंने उपनल कर्मचारियों के लिए नई आर्थिक सहायता योजना और सैनिक बहुल गांवों में कल्याणकारी विकास कार्यों की भी घोषणा की।
उपनल कर्मचारियों को मिलेगा डेढ़ लाख रुपये का आर्थिक सहारा
समारोह में एक बड़ी घोषणा करते हुए सैनिक कल्याण मंत्री गणेश जोशी ने कहा कि उपनल कर्मचारियों की असामयिक मृत्यु पर अब उत्तराखंड पूर्व सैनिक कल्याण निगम उनके परिवार को डेढ़ लाख रुपये की सहायता राशि देगा। यह निर्णय उन कर्मचारियों के परिवारों के लिए आर्थिक संबल साबित होगा, जो उपनल के अंतर्गत अपनी सेवाएँ दे रहे हैं।
सैनिक बहुल गांवों में होंगे विकास कार्य
मंत्री ने कहा कि राज्य के प्रत्येक जिले के एक-एक गांव को सैनिक कल्याण के क्षेत्र में विकास कार्यों के लिए चयनित किया जाएगा। इन गांवों में पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों की जरूरतों को ध्यान में रखते हुए आवश्यक सुविधाओं का विकास किया जाएगा।
कल्याण कोष के लिए उपनल देगा 50% आय
उपनल की वित्तीय स्थिति को मजबूत करते हुए मंत्री ने घोषणा की कि इसकी कुल आय का 50 प्रतिशत वेलफेयर फंड में दिया जाएगा। यह धनराशि पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के कल्याण हेतु विभिन्न योजनाओं में खर्च की जाएगी।
आपदा राहत में भी देगा योगदान
उत्तराखंड में आई माणा आपदा को देखते हुए उपनल ने मुख्यमंत्री राहत कोष में एक करोड़ रुपये की सहायता राशि देने की घोषणा की है। इससे यह स्पष्ट होता है कि उपनल न केवल पूर्व सैनिकों के लिए बल्कि समाज के हर वर्ग के लिए अपने दायित्व को निभा रहा है।
जल्द बनेगा उपनल का अपना मुख्यालय
सरकार ने उपनल के मुख्यालय के लिए मुफ्त भूमि आवंटित करने की स्वीकृति दे दी है। अगले एक वर्ष में उपनल का अपना स्थायी मुख्यालय बनकर तैयार हो जाएगा, जिससे इसके संचालन में और अधिक दक्षता आएगी।
24,746 युवाओं को मिला रोजगार
उपनल ने अब तक लगभग 24,746 बेरोजगारों को विभिन्न पदों पर रोजगार उपलब्ध कराया है। पिछले एक वर्ष में 2,500 पूर्व सैनिकों को विभिन्न राज्यों में नौकरी दी गई है और इतने ही पूर्व सैनिकों को और रोजगार देने की प्रक्रिया जारी है। इस पहल से उपनल को प्रतिवर्ष लगभग 40 करोड़ रुपये की आय होने की संभावना है।
विदेशों में भी मिल सकेगा रोजगार
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने वीडियो संदेश के माध्यम से समारोह को संबोधित करते हुए कहा कि सरकार की योजना है कि उपनल के माध्यम से अब विदेशों में भी पूर्व सैनिकों को रोजगार के अवसर उपलब्ध कराए जाएँ।
समारोह में मौजूद गणमान्य अतिथि
इस भव्य कार्यक्रम में कई वरिष्ठ सैन्य अधिकारी और प्रशासनिक अधिकारी शामिल हुए। इनमें सैनिक कल्याण सचिव दीपेंद्र कुमार चौधरी, उपनल चेयरमैन मेजर जनरल सम्मी सभरवाल (सेनि), उपनल के प्रबंध निदेशक ब्रिगेडियर जेएनएस बिष्ट, निदेशक सैनिक कल्याण ब्रिगेडियर अमृत लाल, लेफ्टिनेंट जनरल टीपीएस रावत (सेनि), लेफ्टिनेंट जनरल जयवीर सिंह नेगी (सेनि), लेफ्टिनेंट जनरल गंभीर सिंह नेगी (सेनि), मेजर जनरल गुलाब सिंह रावत (सेनि), ब्रिगेडियर रमेश भाटिया, मेजर जनरल एमएस असवाल (सेनि), मेजर जनरल आनंद सिंह रावत, कर्नल रघुवीर सिंह भंडारी, पीटीआर शमशेर सिंह बिष्ट, कैप्टन धनराम नैनवाल और कर्नल सतीश शर्मा जैसे विशिष्ट व्यक्ति उपस्थित रहे।
उत्कृष्ट सेवा के लिए सम्मानित हुए अधिकारी और कर्मचारी
समारोह में उपनल के कर्मचारियों और अधिकारियों को उनके उत्कृष्ट कार्य के लिए सम्मानित किया गया। इस दौरान डीजीएम मेजर हिमांशु रौतेला (सेनि), सूबेदार मेजर राजेंद्र प्रसाद, हवलदार सुभाष चंद्र जख्मोला, हवलदार बाबूराम क्षेत्री, नायक सतेश्वर प्रसाद सती, संजय रावत, प्रियंका नेगी, नायक जीत पाल सिंह और सूबेदार दीपक सिंह नेगी को सम्मानित किया गया।
निष्कर्ष
उपनल के 21वें स्थापना दिवस समारोह में किए गए ये ऐलान न केवल पूर्व सैनिकों और उनके परिवारों के जीवन को बेहतर बनाने में सहायक होंगे, बल्कि राज्य में सैनिकों के कल्याण की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम भी साबित होंगे।